Hariyali Teej: हरियाली तीज (Hariyali Teej) भारतीय त्योहारों में से एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे मुख्यतः भारत के उत्तर भारत के राज्यों में मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तीज के दिन मनाया जाता है, जो इस बार 7 अगस्त, 2024 को आएगा। इस दिन विशेषकर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

Hariyali Teej का महत्व

हरियाली तीज (Hariyali Teej) का पर्व खासतौर पर सावन की रिमझिम बारिश और हरियाली से भरे वातावरण के बीच मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं, मेहंदी लगाती हैं, और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती हैं। यह त्योहार न केवल पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाता है, बल्कि यह प्रकृति और उसके संरक्षण के प्रति भी जागरूकता बढ़ाता है।

पूजा और व्रत की विधि

हरियाली तीज के दिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व स्नान कर पूजा स्थल को सजाती हैं। वे गहनों से सजी होती हैं और विशेष रूप से हरे रंग के वस्त्र पहनती हैं। पूजा में मुख्य रूप से भगवान शिव और देवी पार्वती की आराधना की जाती है। व्रति महिलाएं दिनभर उपवासी रहती हैं और शाम को भगवान शिव-पार्वती की कथा सुनती हैं।

उत्सव का आनंद

हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर महिलाएं एकत्र होकर गीत गाती हैं, और तरह-तरह के नृत्य करती हैं। इस दिन कई जगह तीज मेले भी आयोजित होते हैं, जहां लोग विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प और व्यंजनों का आनंद लेते हैं। यह पर्व स्नेह और सहयोग का प्रतीक है, जहां महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर इस दिन को खास बनाती हैं। हरियाली तीज एक ऐसा पर्व है जो न केवल दांपत्य जीवन को मधुर बनाता है, बल्कि समाज में प्रेम, स्नेह और एकता का संदेश भी फैलाता है। इस अवसर पर प्रकृति की सुंदरता का भी जश्न मनाया जाता है, जो हमें जीवन के सभी रंगों का अनुभव कराता है। इस हरियाली तीज पर आप भी अपने प्रियजनों के साथ मिलकर इस पर्व का आनंद लें और इसे खास बनाएं!

Hariyali Teej

पूजा का महत्व

हरियाली तीज के दिन महिलाएं सुबह-सवेरे स्नान करके नए वस्त्र पहनती हैं और सजती हैं। पूजा में सबसे पहले शिव-पार्वती की तस्वीर या मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके बाद महिलाएं बेलपत्र, फल, और मिठाई जैसे भोग अर्पित करती हैं। पूजा के दौरान विशेष रूप से तीज की गीत गाए जाते हैं, जो एक आनंदमय माहौल बनाते हैं।

सामाजिक और सांस्कृतिक पहलू

हरियाली तीज का पर्व न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सामाजिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है। महिलाएं इस दिन एकत्रित होकर अपने-अपने अनुभव साझा करती हैं, गीत गाती हैं और नृत्य करती हैं। यह पर्व परिवार में खुशी और उल्लास का संचार करता है, और महिलाओं के बीच में एकजुटता को बढ़ावा देता है।

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पर्यावरण संरक्षण

हरियाली तीज का पर्व हरियाली और प्रकृति की सुंदरता का भी प्रतीक है। सावन की बारिश से चारों ओर हरियाली फैल जाती है, जो इस दिन को और भी खास बनाती है। इस अवसर पर कई जगह पौधारोपण जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जिससे पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है। हरियाली तीज एक ऐसा पर्व है जो हमें प्राकृतिक सौंदर्य और पारिवारिक प्रेम का अनुभव कराता है। इस पर्व को मनाते समय अपने प्रियजनों के साथ इस खुशी को साझा करें और इसे यादगार बनाएं। इस हरियाली तीज पर आप भी अपने मन की इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रार्थना करें और जीवन की हर खुशी का आनंद लें!

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