जयपुर: मिशन 2023 (Mission 2023) को लेकर राजस्थान (Rajasthan) की कांग्रेस सरकार (Congress Govt) ने राणनीति बनानी शुरू कर दी है। इसकी छाप जल्द होने वाले कैबिनेट बदलाव में दिखने वाला है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की कैबिनेट में अब उन चेहरों को तरजीह दी जाएगी जिन्होंने कांग्रेस को चुनाव जिताने में अहम रोल निभाया है। क्षेत्र में व्यापक प्रभाव वाले विधायकों को कैबिनेट में शामिल करने की रणनीति पर काम चल रहा है। माना जा रहा है कि राजस्थान कैबिनेट में करीब एक दर्जन नए चेहरों को शामिल किया जाएगा।
उधर कैबिनेट विस्तार से पहले मंत्री रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद सिंह डोटासरा इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों की मानें तो कैबिनेट फेरबदल में दो जाट और एक ब्राह्मण चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ब्राह्मण चेहरे के तौर पर महेश जोशी, राजेंद्र पारीक और राजकुमार शर्मा के नाम पर चर्चा चल रही है। इसी में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। वहीं जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट और महादेव सिंह खंडेला के नामों की चर्चा है।
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सूत्रों की मानें तो निर्दलीय विधायक को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इसमें आदिवासी क्षेत्र से विधायक महेंद्र जीत मालवीय को मंत्री बनाया जा सकता है। इसी तरह माना जा रहा है कि अशोक चांदना और टीकाराम जूली को भी प्रमोशन दिया जा सकता है। परफॉर्मेंस के हिसाब से 4 मंत्रियों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है। बसपा से आने वाले विधायक राजेंद्र गूढ़ा को भी मंत्री बनाए जाने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। वहीं निर्दलीय विधायकों में से बाबूलाल नागर और संयम लोढ़ा को मंत्री बनाए जाने के संकेत मिल रहे हैं।
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