बरेली: कानून के पालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस पर होती है, लेकिन देखा जाए तो सबसे ज्यादा कानून की धज्जियां पुलिस महकमे की तरफ से उड़ाई जाती हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस और न्यायपालिक के बीच कभी कभी टकराव स्थिति बन जाती है। उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद की एक स्थानीय अदालत ने गोरखपुर की पुलिस अधीक्षक (यातायात) इंदु प्रभा सिंह की गिरफ्तारी के आदेश दिए हैं। अदालत ने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में गवाही के लिए बार बार पेश होने की नोटिस पर नहीं पेश होने पर गिरफ्तारी का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि मामला बरेली जनपद के नवाबगंज थाना क्षेत्र का है। वर्ष 2016 में पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे की विवेचक तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक इंदु प्रभा सिंह थीं। बरेली से गोरखपुर ट्रांसफर होने के बाद वह गवाही के लिए पेश नहीं हो रही हैं। इसके लिए अदालत ने उन्हें चार बार नोटिस भी भेज चुकी है। इसके बाद भी पेश नहीं होने पर अदालत ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए इंदु प्रभा सिंह के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।
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इस संदर्भ में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) अनिल कुमार सेठ ने गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर मामले में इस तरह की लापरवाही, क्षम्य नहीं है। कोर्ट ने लापरवाही के चलते लगातार टल रही सुनवाई का हवाला देते हुए कहा है कि अगर स्थगन अर्जी भेजी, तो कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को होनी है। ज्ञात हो कि इसी तरह के ढेरों मामले कोर्ट में लंबित हैं। रेप और हत्या जैसे जघन्य अपराधों में पुलिस की विवेचना और गवाही की देरी के चलते पीड़ित को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
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