Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म का एक ऐसा खास त्योहार है जो पूरे देश में बेहद उत्साह और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को आता है और भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
क्यों है यह त्योहार इतना खास
इस पर्व की शुरुआत भगवान गणेश के जन्म की खुशी में होती है। कहानी यह है कि माँ पार्वती ने भगवान शिव की तपस्या करके गणेश जी को जन्म दिया था। उन्हें विघ्नहर्ता यानी बाधाओं को हरने वाला और सिद्धिविनायक यानी सफलता देने वाला माना जाता है। इसीलिए कोई भी नया काम शुरू करने से पहले उन्हें याद किया जाता है।
कैसे मनाते हैं यह त्योहार
इस दिन लोग घरों, मंदिरों और सार्वजनिक पंडालों में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं। पूजा में खास आरतियाँ, भजन और मंत्रों का जाप होता है। उनके पसंदीदा प्रसाद जैसे मोदक और लड्डू बनाए जाते हैं। कुछ दिनों तक चलने वाले इस उत्साह के बाद अंत में गणेश विसर्जन होता है, जहाँ मूर्ति को जलाशय में विसर्जित किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह विसर्जन हमारी सारी बुराइयों और मुश्किलों को अपने साथ ले जाता है।

गणेश जी ही क्यों हैं प्रथम पूज्य
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, गणेश जी को किसी भी पूजा या शुभ कार्य में सबसे पहले पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा के बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं होता। उनका हाथी का सिर और विशालकाय शरीर ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है। उनकी पूजा से न सिर्फ धार्मिक कार्यों में, बल्कि शादी-विवाह, पढ़ाई, नौकरी-व्यापार जैसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
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सिर्फ धर्म नहीं, संस्कृति भी
गणेश चतुर्थी सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक एकता और पारंपरिक आस्था का भी प्रतीक है। यह त्योहार हमें एकजुट होकर खुशियाँ मनाने और अपनी समृद्ध परंपराओं को आगे बढ़ाने का संदेश देता है।
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