मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है, यह बार सरकार गठन के बाद से ही कही जा रही है। महाराष्ट्र की उद्धव सरकार सत्ता में बने रहने के लिए वह सब समझौते किए जिसकी किसी को उम्मीद भी न थी। बावजूद इसके अब उनकी कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। वहीं सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में नाराजगी के चलते राज्य में सियासी हलचल बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे 17 विधायकों के साथ गुजरात के सूरत के एक होटल में हैं। इसके साथ ही 5 और विधायक उनके संपर्क में हैं। बताते चलें कि शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के बड़े नेता हैं। सोमवार को हुए विधान परिषद के चुनाव के बाद से वह पार्टी के संपर्क से कट गए हैं।
विधान परिषद (MLC) चुनाव में शिवसेना के 11 वोट टूटने से बीजेपी के उम्मीदवार प्रसाद लाड की जीत हुई है। इसके बाद एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक का फोन लगना बंद हो गया है। चर्चा है कि शिंदे कथित तौर पर पार्टी और सरकार के कामकाज में उपेक्षा के चलते नाराज चल रहे हैं। वह पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के दबदबे के चलते शहरी विकास और लोक निर्माण समेत अपने विभागों को चलाने में उनकी आजादी प्रभावित हो रही है।
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एकनाथ शिंदे के इस कदम से महा विकास अघाडी सरकार का नेतृत्व करने वाली शिवसेना पार्टी में विभाजन के खतरे में आ गई है। वहीं बताया जा रहा है कि शिंदे मंगलवार को 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि इसमें वह अपने आगे की रणनीति के बारे में जानकारी दे सकते हैं। वहीं अगर एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायक शिवसेना से अलग होते हैं तो महा विकास अघाडी सरकार संकट में आ जाएगी। महा विकास अघाडी सरकार के कुल विधायकों में से शिवसेना के 56, एनसीपी के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाडी के 3, सपा के 2 और अन्य के 11 विधायक हैं।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी बीजेपी+ के पास 113 विधायक हैं। एकनाथ शिंदे अगर बागी विधायकों के साथ बीजेपी में जाते हैं तो उसके पास 135 विधायक हो जाएंगे। ज्ञात हो कि महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 145 का है। ऐसे में शिंदे समेत 22 विधायक अगर बीजेपी के साथ आते हैं, तो उसके बाद भी बीजेपी को सरकार बनाने के लिए 10 और विधायकों की जरूरत पड़ेगी। वहीं यह भी चर्चा है कि कांग्रेस के कई विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं। जानकारी के अनुसार बालासाहेब थोरात आज अपना इस्तीफा दे सकते हैं। उधर एनसीपी के विधायक माणिकराव कोकाटे का भी फोन लगना बंद हो गया है।
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