नई दिल्ली: अफगानिस्तान में एकबार फिर से तालिबान युग की शुरुआत हो गई है। इससे न सिर्फ अफगान के लोग परेशान हैं, बल्कि पूरी दुनिया की चिंता साफ झलक रही है। लेकिन बात की जाए तो तालिबान की क्रूरता के बारे में सोचकर अफगान की महिलाएं काफी डरी हुई हैं। तालिबानी लड़ाकों के खौफ चलते बुर्के की डिमांड काफी बढ़ गई है, और इसकी कीमत 10 गुना बढ़ गई है। हालांकि तालिबान इसबार अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसका अतीत सोच कर महिलाओं की रूह कांप जा रही है। अफगानी महिलाओं को लग रहा है कि अब उनसे उनका अधिकार छीन लिया जाएगा।
बता दें कि तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद शांति का एक नया युग लाने का वादा कर रहा है। लेकिन उसकी दरिंगी और क्रूरता भरे इतिहास को देखते हुए उसके दावों पर किसी को यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है। तालिबान की क्रूर शासन की भयावह यादें महिलाओं को डरा रही हैं। यहीं वजह है कि अफगानिस्तान में अचानक से बुर्के की कीमत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। ज्ञात हो कि तालिबान शासन में महिलाओं को बुर्का पहनना अनिवार्य है। ऐसे में अब जब तालिबान की वापसी हो गई है तो महिलाएं तालिबानी लड़ाकों की ज्यादती से बचने के लिए बुर्का खरीदने के लिए दुकानों पर दौड़ने लगी हैं।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक अफगान में बुर्के की कीमत 10 गुना बढ़ गई है। गौरतलब है कि तालिबान शासन के दौरान महिलाओं को अपने शरीर और चेहरे को बुर्के से ढकना पड़ता था। महिलाओं के स्कूल और काम पर जाने की सख्त मनाही थी। बिना पुरुष रिश्तेदार के वह घर से नहीं निकल सकती थीं। यही वजह है कि तालिबान की वापसी के बाद महिलाएं अपने आप खुद को बुर्के से ढंकने में लग गई हैं, जिसके चलते काबुल में बुर्के की कीमत आसमान छूने लगी हैं। वहीं तालिबान ने इसबार इस्लामिक कानून के तहत महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का वादा किया है। लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि इस्लामिक कानून में महिलाओं को कोई अधिकार दिया ही नहीं गया है।
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