प्रतापगढ़: प्रतापगढ़ के संग्रामगढ़ थाने की पुलिस ने एक गौतस्कर को 13 गौवंश से लादे ट्रक के साथ गिरफ्तार किया गया है। जबकि उसके 3-4 अन्य साथी मौके से फरार हो गए। पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ सतपाल अंतिल के निर्देशन में जनपद पुलिस द्वारा निरंतर अभियान चलाकर अपराध/अपराधियों के विरुद्ध कार्यवाही की जा रही है। इसी क्रम में रात्रि में थाना संग्रामगढ़ से उपनिरीक्षक मनोज कुमार यादव मय हमराह द्वारा मुखबिर खास की सूचना पर चेकिंग के दौरान थानाक्षेत्र के मोहम्मदपुर खास गांव के पास से एक ट्रक नं. यूपी 70 सीटी 4520 पर वध हेतु ले जाने के लिए लादे गये 13 राशि गोवंश के साथ 1 गोतस्कर चन्द्र शेखर सिंह पुत्र हरिकेश बहादुर सिंह निवासी मोहम्मदपुर खास को गिरफ्तार किया गया। जबकि 3-4 अन्य व्यक्ति मौके से फरार हो गये। इस सम्बन्ध में थाना स्थानीय पर गोवध निवारण अधिनियम व 11 पशु क्रूरता अधिनियम का अभियोग पंजीकृत किया गया। पुलिस ने बताया कि अन्य फरार व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।
प्रत्याशी चुनाव प्रचार की दरों की सूची कोषागार से प्राप्त करें
प्रतापगढ़: वरिष्ठ कोषाधिकारी ने विधानसभा सामान्य निर्वाचन-2022 में चुनाव लड़ने वाले जनपद के समस्त अभ्यर्थियों को सूचित किया है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव प्रचार के लिए सम्भावित सामग्रियों की दरों के निर्धारण हेतु जिला स्तरीय समिति गठित की गयी थी। गठित समिति द्वारा प्रचलित बाजार दरों/सम्भावित संस्थाओं के आधार पर मद्वार दरों का निर्धारण कर दिया गया है तथा उक्त को जिला निर्वाचन अधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा अधिसूचित कर दिया गया है। अगर किसी अभ्यर्थी को सूची की आवश्यकता होती है तो वो कोषागार से प्राप्त कर सकता है। सूची में किसी मद का उल्लेख न होने पर वास्तविक व्यय अथवा प्रचलित बाजार दर अथवा समान गुण वाली अन्य वस्तु की दर के आधार पर आगणन किया जायेगा।
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समितियों से नदारद इफ्को यूरिया निजी दुकानों से मंहगे दाम पर खरीद रहे किसान
प्रतापगढ़: कहा जाता हे कि बिना आग के धुंआ नहीं उठता। सरकार जहां इफ्को यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता बता रही है, वहीं खाद के लिए किसानों को भटकना पड़ रहा है। समितियां निजी दुकानों की मिली भगत से यूरिया की कालाबाजारी जारी है। समितियों में सरकार किसानों को मुहैया करवाने के लिए उर्वरकों की आपूर्ति करती है पर रात के अंधेरे में यह उर्वरक दुकानों पर पहुंच जाती है और किसान खाद के लिए सहकारी समितियों का चक्कर काटते काटते थक हार कर निजी दुकानों से मंहगे दामों में यूरिया की खरीददारी करने को मजबूर है वही इनकी निगरानी करने वाले अधिकारी भी उदासीन बने हुए हैं।
पूरा मामला बाजारों में इन दिनों किसानों की जरूरत को भुनाने के लिए तमाम ब्रांडों की यूरिया व डीएपी नजर आ रही है जिन पर किसान भरोसा नहीं कर पाते हैं। सरकार ने भी किसानों को उचित मूल्य पर उर्वरक व बीज मुहैया करवाने के लिए जगह जगह पर सहकारी समितियों को खोला है, जिन्हें किसान विश्वसनीय भी मानते है जहां ज्यादातर सिर्फ इफ्को यूरिया व डीएपी की ही आपूर्ति होती है। आज जब कि बीते दिनों हुई दो तीन दिनों की बरसात के बाद किसानों को फसल की सिंचाई की जरूरत नहीं महसूस हो रही है ऐसे में किसान अपनी गेहूं की फसल में यूरिया का छिड़काव कर रहे है। इसलिए वे इफ्को यूरिया के लिए समितियों का चक्कर काट रहे है। ज्यादातर समितियों में इन दिनों यूरिया खाद नहीं मिल रही है, जबकि निजी दुकानों में इफ्को यूरिया की भरमार है।
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