लखनऊ: कोरोना संक्रमण के जिस तरह से केस बढ़ने शुरू हो गए हैं, उससे तीसरी लहर के आने की पूरी संभावना प्रतीत हो रही है। इस लहर में बच्चे, बीमार और जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है, उनके ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि बच्चों में ज्यादा प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि उनकी रिकवरी बहुत जल्दी होती है। यदि बच्चे में कोरोना जैसे लक्षण दिखें तो टेस्ट जरूर कराएं और उनका विशेष ख्याल रखें। उक्त बातें मुख्य वक्ता केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम के 17वें अंक में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।
मुख्य वक्ता केजीएमयू के सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने पर जोर दिया। कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए अभिभावकों को सतर्क रहने की जरूरत है। बच्चों को घर से बाहर कम निकलने दें और उनके खान-पान का विशेष ध्यान रखें। अभिभावक खुद वैक्सीन जरूर लगवाएं और अपने बच्चों को सुरक्षित रखें। उन्होंने कहा कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों में यदि संक्रमण होता है तो उन्हें संभालने की बहुत जरूरत है, क्योंकि वह समझदार कम होते हैं।
इसे भी पढ़ें: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की बुनियाद
बच्चों में संक्रमण के कोई लक्षण मिलें जो चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में पीकू बेड की व्यवस्था कर दी गई है। कोरोना टीकाकरण तेजी से चल रहा है, दवाओं का वितरण किया जा रहा है, ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं, ऐसे में हमें घबराने की जरूरत नहीं है। हमें सतर्क रहकर कोरोना को भगाना है।
विशिष्ट वक्ता उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के प्रबंध निदेशक आईएएस कुणाल शिल्कू ने कोरोना काल में पैदा हुए रोजगार संकट को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में जो भी कुशल कामगार बाहर से लौटकर अपने घर आए हैं, वह अनुभव भी अपने पास लाए हैं। इसलिए प्रदेश सरकार ने उन सभी लोगों की स्किल मैपिंग कराई है, ताकि लोगों को रोजगार से जोड़ा सके। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में करीब 37 लाख लोग घर वापस आए, उनमें से पहली लहर के समय करीब 11 लाख लोगों को सरकार ने अलग-अलग माध्यमों से रोजगार से जोड़ा और अब तक करीब 40 लाख लोगों को रोजगार देने का काम किया है। इसके अलावा दैनिक मजदूरों के लिए नीति आयोग ने उन्नति एप और यूपी सरकार ने सेवा मित्र एप शुरू किया है, इसके माध्यम से भी जल्द ही कई लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
इसे भी पढ़ें: 16 अगस्त से जानें स्कूलों में कैसे चलेगी शिफ्ट
कार्यक्रम अध्यक्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक संजय ने कहा कि संघ बीते 92 साल से सेवा कार्य में लगा हुआ है। कोरोना संकट के समय में भी जहां जैसी सेवा की आवश्यकता थी, वहां जाकर स्वयंसेवकों ने मदद की। इसके साथ ही कई सामाजिक संगठनों ने भी उनके साथ कंधा से कंधा मिलाकर का किया। सेवा भारती और अन्य संगठनों के सहयोग से जरूरतमंदों को राशन, दवा और पानी आदि पहुंचाया गया। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर इतनी भयानक थी कि हमारे कार्यकर्ता भी कहीं न कहीं इससे बहुत विचलित हुए, लेकिन हमने हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि सेवा भारती ने जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की। इसके साथ ही कई शवों के अंतिम संस्कार कराने का भी कार्य किया।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्र ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्र, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, कृषि विज्ञान केंद्र अंबरपुर के अध्यक्ष अभय सिंह और शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
इसे भी पढ़ें: ताजिया जुलूस निकालने की अनुमति नहीं, गाइडलाइंस जारी