लखनऊ। कोरोनावायरस (coronavirus) को लेकर उत्तर प्रदेश में सियासत चरम पर है। इस माहामारी की तीसरी लहर से बचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां जिलों का दौरा कर स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे हुए हैं। वहीं दलों के नेताओं के बेतुके बोल भी शुरू हो गए हैं। प्रदेश के मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने हाल ही में चक्रवात तौकते और फिर यास के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा दिया है। इसी के साथ ही डॉ. हसन ने कहा कि 10 दिन में दोनों तूफानों का आना और कोरोना महामारी की वजह से हजारों जिंदगियों का तबाह हो जाना, यह सब निशानी है बीते 7 वर्षों में सरकार की तरफ से की गई नाइंसाफियों की। बता दें कि सपा सांसद डॉ. एसटी हसन इससे पहले भी अपने विवादास्पद बयान को लेकर में आ चुके हैं।
इस दौरान उन्होंने कहा कि गत 7 वर्षों में ऐसे कानून बनाये गए जिसकी वजह से शरीयत के साथ छेड़छाड़ की गई। इसमें से एक नागरिकता कानून लाया गया, जिसमें कहा गया कि देश में सिर्फ मुसलमानों को नागरिकता नहीं मिलेगी। ये सब केंद्र सरकार की नाइंसाफियां थीं। सरकार की इन्हीं नाइंसाफियों के चलते ही देश में दो बार बड़े तूफान आए हैं। ये सब आसमानी आफत है। कोरोनावायरस (coronavirus) की वजह से देश में बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं। ऐसा पहली बार देखा गया कि इंसानों की लाशें कुत्ते खा रहे थे। नदियों में लाशें फेंकी गईं। लाशें इतनी हो गईं कि दाह संस्कार के लिए शमशान घाटों पर लकड़ियां कम पड़ गईं। सपा सांसद यहीं नहीं रुके उनहोंने कहा, जब जमीन वाला इंसाफ नहीं करता तो ऊपर वाला करता है।
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वहीं सपा सांसद डा. एसटी हसन के बयान पर यूपी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा ने पलटवार करते हुए कहा कि इनकी और आईएसआईएस की सोच में कोई अंतर नहीं है। ये वही लोग हैं जो शरीयत के हिसाब से देश चलाने की कोशिश करते रहते हैं। बता दें कि कोरोनावारस (coronavirus) को लेकर कांग्रेस के बाद सबसे ज्यादा राजनीति समाजवादी पार्टी के नेताओं की तरफ से किया जा रहा है। इससे पहले पार्टी के कई ऐसे नेता हैं तो बेतुके बयान दे चुके हैं। ऐसे बयानों से खुद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नहीं बच पाए। कोरोना की वैक्सीन आने पर उन्होंने कहा था कि यह बीजेपी की वैक्सीन है, इसे नहीं लगवाऊंगा। हालांकि बाद में उन्होंने खुद वैक्सीन लगवा ली।
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