लखनऊ। विगत 6 वर्ष के अंदर किसी भी चयन प्रक्रिया में हमने धांधली, अव्यवस्था, अराजकता और भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं किया है। चाहे वो उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग हो,उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग हो, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा चयन आयोग हो या माध्यमिक चयन आयोग, पुलिस की भर्ती हो या बेसिक शिक्षा परिषद की भर्ती, इस प्रक्रिया को पूरे पारदर्शी तरीके से संपन्न करते हुए अब तक लगभग 6 लाख भर्ती की प्रक्रिया को पूरा करने जा रहे हैं। जो लोग भी चयनित हुए हैं किसी को भी सिफारिश कराने की जरूरत नहीं पड़ी है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोकभवन में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 75 जनपदों के लिए चयनित 7,182 एएनएम स्वास्थ्यकत्रियों को नियुक्ति पत्र वितरित करते हुए कहीं। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित एएनएम को बधाई भी दी और कर्तव्यों के ईमानदारी से निवर्हन की सीख भी दी। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थसारथी सेन शर्मा एव स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहे।
बिना भेदभाव आगे बढ़ रही है चयन प्रक्रिया
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक लंबी लड़ाई को आगे बढ़ाने के बाद इतनी ढेर सारी बहनों को एक साथ नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य हो रहा है। आपने भी धैर्य से काम लेते हुए धरना प्रदर्शन की बजाय सरकार पर विश्वास किया और चयन की प्रक्रिया के बाद उच्चतम न्यायालय से अपने पक्ष में निर्णय आने का इंतजार किया। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने चयन की प्रक्रिया को पूरी पारदर्शी तरीके से आगे बढ़ाया है। हर चयन की प्रक्रिया में लोग कुछ न कुछ विघ्न-बाधा डालने का प्रयास करते हैं, लेकिन उनके अनैतिक कार्यों पर हमने प्रहार किया है। सीएम योगी ने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने दायित्व संभालने के बाद कहा था कि हमारे लिए पूरा देश एक कुटुंब है। हम किसी के साथ भेदभाव नहीं कर सकते। उत्तर प्रदेश के अंदर भी 2017 से हमने इसको सख्ती से लागू किया है। 6 वर्ष के अंदर 6 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां उपलब्ध करा रहे हैं और किसी को भी किसी भी प्रकार के भेदभाव की गुंजाइश नहीं रही है।
प्रदेश में अच्छा कार्य कर रहे हैं स्वास्थ्य विभाग के फील्ड वर्कर
सीएम ने चयन प्रक्रिया में आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए कहा कि हमने नियुक्ति पत्र देने का कार्यक्रम तय किया था, लेकिन उसे कैंसिल करना पड़ा, क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने स्टे कर दिया था। हम नहीं चाहते थे कि आपकी नियुक्ति में कोई विघ्न पड़े, इसलिए हमारा प्रयास रहा कि सारी बाधाओं को दूर करते हुए एक बार जब नियुक्ति पत्र आपको मिल जाए तो फिर पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ आप सेवा के लिए समय दे सकें। सभी बाधाओं को दूर करते हुए आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश के अंदर हमारे जितने भी फील्डवर्कर हैं, चाहे वो एएनएम हों, आंगनबाड़ी हों, आशा वर्कर हैं, इन सबके द्वारा बहुत अच्छा काम किया जा रहा है। पिछले 6 वर्ष में नेशनल हेल्थ के अंतर्गत जो आंकड़े आए हैं वो बहुत सकारात्मक बदलाव को दिखाते हैं। संस्थागत प्रसव काफी बढ़ा है। एनीमिया को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। मातृ मत्यु दर, शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है। कई मामलों में तो उत्तर प्रदेश नेशनल एवरेज से भी बेहतर प्रदर्शन करने में सफल रहा है। ये चीजें दिखाती हैं कि विभाग द्वारा जो प्रयास प्रारंभ किए गए हैं, उसके परिणाम जमीनी धरातल पर देखने को मिल रहे हैं।
सीएम ने एएनएम को बेहतर कार्य के लिए दी सीख
सीएम योगी ने एएनएम को ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की सीख भी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह ईमानदारी से इस चयन प्रक्रिया को पूर्ण किया गया है तो शासन की यह अपेक्षा भी है कि प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले। गांव-गांव तक लोगों को स्वास्थ्य की सुविधाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आपकी सेवाओं की आवश्यकता है। आपका दायित्व बनता है कि सरकार ने जो नियुक्ति की है, वो सार्थक बने जिससे इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया जा सके। आपके पास अपने-अपने जनपदों और गांवों में लोगों को देखने, जानने और इस फील्ड में बेहतर कार्य से सम्मान प्राप्त करने का अवसर है। इतनी बड़ी संख्या में एएनएम को नियुक्ति पत्र मिलना मिशन रोजगार के साथ ही मिशन शक्ति को भी प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम बना है।
इंसेफेलाइटिस और कोरोना नियंत्रण में स्वास्थ्य विभाग ने पेश किया मॉडल
प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का उदाहरण देते हुए सीएम ने कहा कि दो महत्वपूर्ण घटनाएं मेरे सामने बार-बार आती हैं। एक पूर्वी उत्तर प्रदेश से लेकर सहारनपुर तक.मस्तिष्क ज्वर प्रतिवर्ष हजारों बच्चों को निगल जाता था। आज स्वास्थ्य विभाग के नेतृत्व में जो कार्यक्रम प्रारंभ हुए, समस्त विभागों के बीच समन्वय से इंसेफेलाइटिस को हमने नियंत्रित कर दिया है। एक-दो वर्ष में प्रदेश यह घोषित कर देगा कि इंसेफेलाइटिस का हमने उन्मूलन कर दिया है। दूसरा कोरोना काल का उदाहरण है, जिसमें यूपी ने एक मॉडल देश और दुनिया के सामने रखा है। 2017 से पहले लोग इस बात का रोना रोते थे कि डॉक्टर नहीं है, क्या करेंगे। हमने भारत सरकार के साथ मिलकर वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज पर काम शुरू किया। पहले कोई सोचता था कि गांवों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, आज 600 से ज्यादा स्थानों पर टेलीकंसल्टेशन की व्यवस्था है। सभी जनपदों में हेल्थ एटीएम की स्थापना की गई है। एक हेल्थ एटीएम 50 से लेकर 60 तरह की जांचों की सुविधा दे रहा है। आज ऐसा नहीं हो सकता कि स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में कोई व्यक्ति दम तोड़े, हर हॉस्पिटल में दवा उपलब्ध हो रही है,प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है। आज शिकायतें न्यूनतम स्तर पर आ गई हैं। हमें इसे और मजबूती के साथ आगे बढ़ाकर एक मॉडल खड़ा करना है और उस मॉडल में ग्रामीण क्षेत्रों में आपका भी एक बड़ा रोल हो सकता है।
इन्हें मिला नियुक्ति पत्र
अनुपमा राय, आकांक्षा मिश्रा, रेनू सिंह,अंजली पांडेय, रानी कुंवर, शांति पाल, अनामिका मौर्य, शाजिया बानो, प्रिया पटेल, कुमारी सपना गोस्वामी, संध्या यादव, श्वेता वर्मा, सोनम सिंह सिसोदिया, आकांक्षा साहू,शेख संजीदा बानो, स्वाती जायसवाल, कु. अनुराधा गुप्ता, स्नेहा सागर, सुनीता पाल, चित्रांशी श्रीवास्तव, माला प्रजापति, प्रियंका भारती, लक्ष्मी देवी रावत, निशा गौतम, ममता राज, पूनम वर्मा, नेहा मिश्रा और अन्वेषा यादव।