– लोहिया के समाजवादी राष्ट्रवाद को आगे बढ़ाया हरमोहन सिंह और सुखराम सिंह यादव ने
– नए भारत के निर्माण के लिए चौधरी मोहित सिंह यादव जैसे युवाओं को जरूरत
मेहरबान सिंह का पुरवा/कानपुर: कानपुर के इस मेहरबान सिंह का पुरवा हमेशा ही उत्तर प्रदेश की राजनीति की दिशा और दशा तय होती रही है। यहां से चौधरी हरमोहन सिंह के नेतृत्व और निर्देशन में डॉ. राम मनोहर लोहिया के सांस्कृतिक समाजवाद को बल मिलता रहा। उनके पुत्र चौधरी सुखराम सिंह यादव के बाद अब भाई मोहित सिंह यादव ने उस संकल्प की दिशा सम्हाली है। नए भारत के निर्माण के लिए अब चौधरी मोहित सिंह यादव जैसे ऊर्जावान युवाओं की जरूरत हैं, जो चौधरी हरमोहन सिंह के सपनों के अनुसार दलितों, पिछड़ों, वंचितों, शोषितों को शिक्षा और संस्कारों के माध्यम से समाज में आगे लाएं।
यह उद्गार हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हैं, जो कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा में चौधरी हरमोहन सिंह की दसवीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक भव्य एवं विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, चौधरी सुखराम सिंह यादव सहित देश भर से आये यदुकुल के सम्मानित प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। भारी जनसमूह को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज चौधरी हरमोहन सिंह की पुण्यतिथि पर उनके उन महान कार्यों की चर्चा इसलिए जरूरी है कि भारत जैसे महान लोकतंत्र में ऐसे महापुरुष होते रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी विशेषता भी यही है कि यहां समाज, दल और विचारधाराओं का भरपूर सम्मान है। अपने महान नेता अटल बिहारी बाजपेयी कहते थे, सरकारें आती और जाती रहती हैं। दल भी बनते और बिगड़ते हैं। राष्ट्र रहना चाहिए। समाज रहना चाहिए। राष्ट्र रहेगा तो समाज और इसमें लोकतंत्र भी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के महान लोकतंत्र के लिए गर्व का क्षण है कि एक आदिवासी महिला को हमने भारत का राष्ट्रपति चुना है। आज उनके शपथ ग्रहण और अन्य संवैधानिक व्यस्तताओं के कारण मैं प्रत्यक्ष रूप से कानपुर नहीं आ सका। श्रीमद्भगवाद गीता का संदेश है कि शरीर के खत्म हो जाने के बाद भी जीवन रहता है। ऐसा जीवन जो समाज को दिशा देता रहता है। महात्मा गांधी, डॉ. राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुषों की प्रेरणा हमारे साथ है। डॉ. राममनोहर लोहिया के समाजवाद और उनकी राष्ट्रवादी सांस्कृतिक चेतना को चौधरी हरमोहन सिंह यादव ने बहुत आगे बढ़ाया। लोहिया ने रामायण मेला लगवाने के कार्य किया। उन्होंने मां गंगा को लेकर चिंता की, जिसको हमारी सरकार और अच्छे से आगे बढ़ा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय ऐसा आया जब देश पर इमरजेंसी लगाई गई। लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास हुआ। उस समय देश के सभी गैरकांग्रेसी विचारधारा वाले दलों ने एक साथ आकर लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया। दूसरी घटना तब गंभीर हुई, जब देश में सिख समुदाय का नरसंहार हो रहा था। इस घड़ी में चौधरी हरमोहन सिंह और उनके पुत्र चौधरी सुखराम सिंह यादव ने स्वयं आगे आकर घंटों तक संघर्ष किया और सिख भाइयों के प्राण बचाने का कार्य किया। लोकतंत्र में व्यक्ति से बड़ा दल होता है। दल से बड़ा देश होता है।
उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जब जब देश पर कोई संकट आया है, दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर हमने देश को मजबूत किया है। वह चाहे 1971 का युद्ध हो, परमाणु परीक्षण का समय हो या कोई और घड़ी। यह देश और समाज की शक्ति है। डॉ. राममनोहर लोहिया ने जिस समाजवाद का सपना देखा था, उसमें समाज और राष्ट्र प्रथम था। समाज के दलित, पिछड़े वर्ग को जोड़ कर सर्व समान समाज की कल्पना थी। उनके उस समाजवाद के साथ राजनीति करने वालों से उसका पतन हो गया। आज का नया भारत डॉ. लोहिया के उसी समानता के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत सामाजिक न्याय के रास्ते पर चल रहा है। इसमे सभी को समान अवसर, सभी को जीवन की हर मूलभूत सुविधाएं देने का कार्य हो रहा। दलितों, पिछड़ों, महिलाओं, और वंचितों को मुख्यधारा में लाकर उन्हें विकास की दिशा में ले जा रहे है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए चौधरी मोहित सिंह यादव ने कहा कि यदुकुल शिरोमणि स्वर्गीय चौधरी हरमोहन सिंह की दसवीं पुण्यतिथि पर आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि आधुनिक विश्व के महानायक, सनातन संस्कृति के महायोद्धा, नए एवं उन्नत भारत के निर्माता, भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित, विश्व शांति और सुसंस्कृत मनुष्यता की संकल्पना के आधार स्तंभ हमारे पथ प्रदर्शक भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस मंच से स्वागत करते हुए मैं अभिभूत हूँ। यह ऐसा अवसर है जब शब्द कम पड़ रहे हैं। भारत के शीर्ष पुरुष प्रधानमंत्री की उपस्थिति ने आज के इस समारोह को इतिहास के ऐसे स्वरूप के पृष्ठ के रूप में अंकित कर दिया है, जिसकी ऊर्जा भारत के करोड़ों युवाओं को राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने को प्रेरित करेगी।
प्रधानमंत्री के सपनों का भारत जिस गति से निर्मित हो रहा है, आज का आपका संबोधन उसको और गति प्रदान करने का कार्य करेगा। शिक्षा, संस्कृति, संस्कार, मनुष्यता, आत्मनिर्भरता, स्वदेशी, अनुशासन, उच्च कोटि का प्रबंधन, आधुनिक तकनीकी, विज्ञान और स्वास्थ्य के साथ साथ नई पीढ़ी को नए भारत के निर्माण के लिए आपका आशीर्वाद और आपकी भावपूर्ण शब्दांजलि हमारे लिये पाथेय का कार्य करेगी।
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यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि मां गंगा के आशीर्वाद ने आपको उत्तर प्रदेश से जोड़ कर काशी का प्रतिनिधि बनाकर भारत का नेतृत्व सौंपा और आज उसी माँ गंगा के पावन तट पर स्थित कानपुर महानगर के मेहरबान सिंह का पुरवा के पावन मंच से आपका स्वागत करने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। यह आपकी कृपा और आपके ही आशीर्वाद का प्रतिफल है कि आज मैं अपने पूज्य दादा चौधरी हरमोहन सिंह की दसवीं पुण्यतिथि के समारोह के इस मंच से आपके स्वागत करने का सुअवसर पा सका हूँ। मेरे पिता चौधरी सुखराम सिंह यादव की राजनीतिक सामाजिक यात्रा से आप अवगत हैं। हम आपकी संकल्पना के अनुरूप नए विश्वगुरु के रूप में भारत के निर्माण में तन, मन, धन से आपके लक्ष्य और सपनों के साथ ही समर्पित हैं। आज का आपका उद्बोधन भारत वर्ष के यदुकुल समाज के साथ ही सभी भारत वासियों और युवाओं के लिए पथ प्रदर्शक होगा। हमे इस बात का गर्व है कि भारत विश्व का सर्वाधिक युवा देश के साथ साथ सर्वाधिक प्राचीन संस्कृति वाला देश है। यही सनातन है। इसी की स्थापना का आपका लक्ष्य है। आपके इस महान यज्ञ में हम आहुति देने को तत्पर हैं।
आभार ज्ञापन करते हुए चौधरी सुखराम सिंह यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल में भारत ने विश्व में जो सम्मान हासिल किया है वह अभूतपूर्व है। मोदी है तो मुमकिन है कि उक्ति प्रत्यक्ष दिख रही है। उन्होंने कहा कि मोहित यादव की उन्होंने प्रधानमंत्री को सौंप दिया है। प्रधानमंत्री की आकांक्षाओं और उनके सपनों को साकार करने में मोहित की जो भी भूमिका बनेगी वह सपर्पित रहेंगे। सुखराम सिंह ने कहा कि मेहरबान सिंह का पुरवा में दो प्रधानमंत्री पहले आ चुके हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को पुनः यहां आने के लिए आमंत्रित किया। इस भव्य समारोह का सफल संचालन श्रीकृष्ण धर्म ट्रस्ट के अध्यक्ष कालीशंकर ने किया।
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