Badaun News: उत्तर प्रदेश के बदायूं जनपद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। आज तक आपने मनुष्यों का पोस्टमार्टम होते हुए देखा या सुना होगा लेकिन आज पहली बार जिले के आईवीआरआई में एक चूहे का पोस्टमार्टम हुआ है। बता दें कि यहां बीते कुछ दिनों पहले एक मनोज नाम के व्यक्ति ने चूहे की पूछ में पत्थर बांधकर उसको मार दिया था। वहीं जिले के कोतवाली सदर क्षेत्र के मोहल्ला कल्याण नगर निवासी पशु प्रेमी विकेंद्र शर्मा ने मनोज को चूहे को जब नाले में डुबोते देखा तो उनसे रुका नहीं गया। उन्होंने तत्काल नाले में कूदकर चूहे को बाहर निकाला। लेकिन तब तक चूहे की मौत हो चुकी थी।
इसी के चलते विकेंद्र शर्मा ने तब ही पास के थाने में शिकायत दर्ज कर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाया। इसके बाद पुलिस ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए चूहे का पोस्टमार्टम कराने के लिए भी इजाजत दे दी। चूहे का पोस्टमार्टम गुरुवार को बरेली के आईवीआरआई में हुआ। बरेली में आईवीआरआई के वैज्ञानिकों ने जब चूहे का पोस्टमार्टम और माइक्रोमैक्सकॉपिंग की तो बड़ा खुलासा हुआ। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला कि चूहे की मौत नाली के पानी में डूबने की वजह से नहीं, बल्कि दम घुटने की वजह से हुई है। चूहे के फेफड़े और लीवर पहले से ही काफी डैमेज थे, जिसकी वजह से अधिक समय तक चूहा जिंदा नहीं रह पाया।
वहीं आईवीआरआई के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर केपी सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि देश में चूहे का पोस्टमार्टम होने का यह पहला मामला है। साथ ही उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह पूरा मामला बदायूं का है, जिसके चलते चूहे का पोस्टमार्टम आज बरेली में हुआ। साथ ही उन्होंने बताया कि बदायूं में किसी के घर में से चूहे को पकड़ने के बाद उसमें रस्सी बांधकर आरोपी मनोज ने नाली में डाल दिया। इसके बाद पशु प्रेमी ने इस पूरे मामले का वीडियो बनाया और पुलिस में वीडियो जमा कर शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने चूहे के शव को सील किया। फिर बदायूं के पशु चिकित्सालय में भेजा। वहां स्टाफ ने संसाधनों के अभाव में पोस्टमॉर्टम करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पशु प्रेमी के प्रार्थना पत्र पर पुलिस ने बरेली स्थित आईवीआरआई में चूहे के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। केपी सिंह ने बताया कि पैथोलॉजिस्ट डॉक्टर अशोक कुमार और डॉक्टर पवन कुमार ने चूहे का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम करने के बाद चूहे के अन्य अंगों की माइक्रोस्कोप से जांच की गई। उसमें यह पता चला कि चूहे की मौत दम घुटने से हुई है।
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चूहे के फेफड़ों में नाली के पानी की गंदगी के कोई विशेष नहीं मिले। साथ ही उन्होंने बताया कि चूहे के फेफड़े और लीवर पहले से ही काफी खराब थे। चूहे को पहले से ही कई बीमारियां थी। जिसके चलते चूहे का बच पाना मुश्किल था। साथ ही केपी सिंह ने बताया कि जांच में वैज्ञानिक इस निर्णय पर पहुंचे हैं कि यह एक्सफिक्सिया का केस था। इसे ड्राइंग ड्राउनिंग भी कह सकते हैं।
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