Astrology: गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के अनुसार तुलसी धारण करने वाले व्यक्ति के साथ स्वयं भगवान विष्णु वास करते हैं। माना जाता है कि तुलसी की माला का उपयोग करने से व्यक्ति के मन, शरीर और आत्मा शुद्ध हो जाती है। यदि आप भी जीवन में किसी प्रकार की शारीरिक व मानसिक बीमारी से परेशान है या भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते है तो तुलसी माला को अवश्य धारण करें। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी धार्मिक मान्यता है।
तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है। तुलसी की माला पहनने से यश, कीर्ति और सौभाग्य बढ़ता है। तुलसी का पत्ता खाते रहने से किसी भी प्रकार का रोग और शोक नहीं होता। तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है।
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तुलसी की माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्यपालन के प्रति मदद मिलती है। तुलसी माला को धारण करने का एक लाभ यह भी है की, इसे पहनने से किसी भी प्रकार की बुरी या नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा पाया जा सकता है। तुलसी माला के प्रभाव से बुरी ऊर्जा जैसे भूत-प्रेत और काले जादू से बचाव होता है और मन में सदा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। जिस भी जातक के की कुंडली में बुध और शुक्र ग्रह की स्थिति खराब चल रही है, उन्हें भी तुलसी माला पहननी चाहिए। कहा जाता है की कुंडली में चल रहे बुध और शुक्र संबंधी दोषों के निवारण के लिए तुलसी की माला बहुत मददगार साबित होती है।
पं. वेद प्रकाश तिवारी
ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
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