Astrology: सुबह सोकर उठने से न सिर्फ दिन की शुरुआत होती है, बल्कि आपके कर्मफल भी तय हो जाते है। दिन की शुरुआत करने के कुछ धार्मिक सिद्धांत हैं, जिन्हें अपना कर आप न अपने दिन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपने जीवन में सुख-समृद्धि पाने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। जानें कैसे करें दिन की शुरुआत…
सुबह उठते ही दोनों हथेलियां को देखकर यह मन्त्र बोलें
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वति। करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।। यानी हथेली में लक्ष्मी, सरस्वती और गोविंद का वास है। इनके दर्शन से पूरा दिन अच्छा रहता है।
धरती पर पैर रखने से पहले ये मंत्र बोलें
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डले। विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे॥
यानी हे विष्णु पत्नी पृथ्वी माता, समुद्र आपके वस्त्र हैं, पर्वत आपके स्तनमंडल हैं, जननी, आपको प्रणाम है। मेरे द्वारा पैरों से स्पर्श करने के कृत्य को क्षमा करें मां। बिस्तर से उतरने के पूर्व या तत्काल बाद दाहिनी हथेली से पृथ्वी का स्पर्श करते हुए प्रणाम करना चाहिए।
नहाने से पहले ये मंत्र बोलें
स्नान मन्त्र गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती। नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥
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सूर्य को अर्ध्य देते समय ये मंत्र बोलें
ॐ भास्कराय विद्महे, महातेजाय धीमहि तन्नो सूर्य:प्रचोदयात।
ध्यान रखें सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए। यदि नींद पूरी न हुई हो तो उसे बाद में पूरा करें। ब्रह्म मुहूर्त में जाकर धर्म और अर्थ का चिंतन करने वाला व्यक्ति जीवन में अक्षय धर्म एवं अक्षय धन को प्राप्त कर लेता है।
पं वेद प्रकाश तिवारी
ज्योतिष एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ
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