Newschuski Desk: कथावाचक अनिरुद्धाचार्य की पत्नी गुरुमां आरती तिवारी के बारे में जानें। भजन गायिका, भक्त और सेवा भाव से जुड़ी उनकी जीवनशैली, वृद्धाश्रम व गुरुकुल के कार्य, और अनिरुद्धाचार्य के साथ उनके धार्मिक सफर की पूरी जानकारी।
अनिरुद्धाचार्य की धर्मपत्नी गुरुमां आरती तिवारी, भक्ति के रंग में रंगा एक सरल जीवन
इस वैवाहिक सीजन में कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी ने काफी सुर्खियां बटोरीं। लेकिन इस भव्य आयोजन में एक और चेहरा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनीं – वो हैं कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज की धर्मपत्नी, गुरुमां आरती तिवारी।
अनिरुद्धाचार्य जयपुर में हुई शादी में अपनी पत्नी के साथ नज़र आए। महाराज जी अपने प्रवचनों में अक्सर पारिवारिक मूल्यों और पत्नी के सम्मान की बात करते हैं, लेकिन उनकी धर्मपत्नी के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।

तो आइए मिलते हैं गुरुमां आरती तिवारी से
वो अपनी मधुर मुस्कान, सरलता और खास लंबी बिंदी के लिए जानी जाती हैं। उनका सार्वजनिक जीवन शांत और निजी है, लेकिन वह हमेशा महाराज जी के धार्मिक कार्यक्रमों में उनका साथ देती नज़र आती हैं।
कौन हैं अनिरुद्धाचार्य
वृंदावन में गौरी गोपाल वृद्धाश्रम चलाने वाले अनिरुद्धाचार्य का जन्म मध्य प्रदेश के दमोह जिले में हुआ था। एक पुजारी के पुत्र, बचपन से ही उनका रुझान आध्यात्मिकता की ओर था। उन्होंने कम उम्र में ही रामचरितमानस और भागवत जैसे ग्रंथों का गहन अध्ययन कर लिया था।

एक धर्मपत्नी, एक सहयोगी
जहाँ अनिरुद्धाचार्य राधा-कृष्ण के भक्त हैं, वहीं आरती जी भी भगवान की अनन्य भक्त हैं और एक भजन गायिका हैं। वे अक्सर राधा-कृष्ण व श्रीराम के भजन गाती हैं और अपने भावपूर्ण गायन के वीडियो साझा करती रहती हैं। महाराज जी भी अपने सोशल मीडिया पर पत्नी के साथ की तस्वीरें शेयर करते रहते हैं।
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सेवा का संदेश
दंपत्ति सेवा के कार्यों में भी सक्रिय हैं। वृद्धाश्रम संचालन के अलावा, उन्होंने एक गुरुकुल की स्थापना की है, जहाँ ज़रूरतमंद बच्चों को निःशुल्क शिक्षा और सभी ज़रूरी सुविधाएं दी जाती हैं। गाय व बंदरों की सेवा भी उनके दैनिक जीवन का हिस्सा है।
कुल मिलाकर, गुरुमां आरती तिवारी का व्यक्तित्व उसी सादगी और भक्ति का प्रतिबिंब है, जिसका संदेश अनिरुद्धाचार्य महाराज देते हैं। एक दूसरे के सहयोगी के रूप में, दोनों ने सेवा और सादगी के रास्ते को ही अपनी जीवन-शैली बना लिया है।
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