लखनऊ: आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य सभी नागरिकों के मन में राष्ट्रवाद की भावना को जाग्रत करना है। हमें राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानकर कार्य करना होगा, तभी हमारा देश विश्वगुरु बन सकेगा। जब हम केवल अपने बारे में सोचते हैं तो सिर्फ हमें ही लाभ होता है, लेकिन जब हम राष्ट्र के बारे में सोचते हैं तो हम सभी का भला होता है। उक्त उद्गार मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित कर्नल बलराज शर्मा ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 30वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।
हमें अपने विकारों को नष्ट करना होगा
मुख्य वक्ता पूर्व सैनिक सेवा परिषद उत्तर प्रदेश के कर्नल शिव बालक सिंह ने कहा कि 20वीं सदी में देश को तोड़ने का कार्य किया गया, लेकिन 21वीं सदी भारत व राष्ट्रीयता की है, हमारे युवाओं की सदी है। हमें अपने विकारों को नष्ट करना होगा। उन्होंने कहा कि आज हम जाति, धर्म व मजहब को लेकर लड़ रहे हैं। पहले हमारे देश की संस्कृति ऐसी नहीं थी। उन्होंने कहा कि पिछले 200 सालों में अताताई शक्तियों ने हमारे अस्तित्व को नष्ट करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मातृ शक्ति के बिना पुरुष शक्ति की कल्पना नहीं की जा सकती है।
मुख्य अतिथि शौर्य चक्र से सम्मानित कर्नल बलराज शर्मा ने कहा कि देश के प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने वाला व्यक्ति अपनी कर्तव्यनिष्ठा से राष्ट्र के लिए योगदान दे सकता है, ये हमें कोरोना काल में देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि हमें हमेशा दूसरों का सम्मान करना चाहिए, जिससे हमारे बीच भाई-चारे का भाव पैदा होता है। साथ ही प्रयास करना चाहिए कि अपने हर काम को पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ करें।
देश को अमरत्व की ओर ले जाने के लिए अपने कर्तव्य को समझना होगा
विशिष्ट अतिथि केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. पवित्र रस्तोगी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव हमारी युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति और गौरवपूर्ण इतिहास का बोध करा रहा है। साथ ही हमारी युवा पीढ़ी के भविष्य का निर्धारण भी करता है, जिससे हमारी संस्कृति को अमरत्व प्राप्त हो और हमारा देश आगे बढ़ सके। श्रीमद भागवत गीता के श्लोक का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने देश को अमरत्व की ओर ले जाना है, तो प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्य समझने होंगे।
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कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर ने कहा कि सैन्य शिक्षा, सामान्य शिक्षा, नैतिक शिक्षा सभी का आधार विद्या भारती है। यहां विद्यालयों में बालकों के भीतर अनुशासन, नैतिकता, देशप्रेम की भावना और श्रेष्ठ गुणों को जगाने का कार्य होता है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्थान ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना है और वर्तमान में विद्या भारती के पूर्व छात्र देशहित में कई विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं।
कार्यक्रम में आए अतिथियों का परिचय प्रशिक्षण व प्रकाशन सह प्रमुख कमलेश ने कराया। कार्यक्रम की प्रस्ताविकी सोशल मीडिया विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार प्रणय विक्रम सिंह ने दी। सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे ने सभी अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट कर्नल राधे श्याम, लेफ्टिनेंट यशवंत सिंह, सूबेदार विक्रम बहादुर यादव, सूबेदार रमेश कुमार दूबे, समाज सेवी अभय सिंह, सरस्वती विद्या मंदिर निराला नगर लखनऊ के छात्र-छात्राएं सहित कई लोग मौजूद रहे।
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