बस्ती: संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन बस्ती मण्डल के पदाधिकारियों, किसानों, मजदूरों ने रविवार को लखीमपुर खीरी हत्याकाण्ड में मारे गये किसानों और पत्रकार की अस्थि कलश यात्रा कुंआनों के अमहट घाट पर विधि विधान से विसर्जित किया। भाकियू प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल ने कहा कि किसान, मजदूरों का संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेकर सरकार एमएसपी की गारण्टी के लिये कानून नहीं बना देती।
उन्होंने मांग किया कि लखीमपुर हिंसा में मारे गये किसानों, पत्रकार के परिजनों को न्याय मिल सके इसके लिये तत्काल प्रभाव से केन्द्रीय गृह मंत्री अजय टेनी को मोदी मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किया जाय। मण्डल महासचिव शोभाराम ठाकुर ने बताया कि अस्थि कलश यात्रा 22 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शहीद स्थल मुण्डेरवा से आरम्भ होकर कुरियार से महादेवा, लालगंज, कुदरहा, धनघटा, नाथनगर, महादेवा, होते हुये संतकबीर नगर जनपद के खलीलाबाद में पहुुंची।
यहां से बघौली, मेहदावल, बेलहर से होकर, रुधौली, बांसी, तिलौली शोहरतगढ़, बढ़नी, इटवा, डुमरियागंज, नौगढ होते हुये 23 अक्टूबर को सिद्धार्थनगर में रात्रि विश्राम के बाद रविवार को कलश यात्रा बस्ती के भानपुर, सोनहा, सल्टौआ, वाल्टरगंज चीनी मिल, हरदिया, बड़ेबन पानी टंकी होते हुये 3.30 बजे अमहट घाट पहुंची। यहां अस्थि कलश का विर्सजन किया गया।
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मुख्य रूप से भाकियू मण्डल अध्यक्ष सुभाष चन्द्र किसान, बस्ती जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी, संतकबीरनगर जिलाध्यक्ष जर्नादन मिश्र, सिद्धार्थनगर जिलाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय के साथ ही अनूप चौधरी, भारतेन्दु प्रताप, रामचन्द्र, महेन्द्र कुमार, परमात्मा चौधरी, रामचन्द्र सिंह, आरपी चौधरी, का. केके तिवारी, जय जर्नादन मिश्र, रमेश चौधरी, त्रिवेनी, गनीराम, कन्हैया प्रसाद, राजेन्द्र कुमार, गौरीशंकर, विनोद कुमार, दीप नरायन, रामनरायन, सुजीत चौधरी, सत्यराम आदि शामिल रहे।
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