नयी दिल्ली। केंद्र सरकारा करोड़ों गन्ना किसानों को खुशखबरी दे दी है। सरकार ने चीनी सीजन 2021-22 के लिए चीनी मिलों द्वारा देय गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य के निर्धारण को मंजूरी दी है। जिसके तहत गन्ना किसानों के लिए अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य 290 रुपये प्रति कुंतल को स्वीकृति दी गयी है। केन्द्र सरकार द्वारा लिये गये इस निर्णय से 5 करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों के साथ-साथ चीनी मिलों और संबंधित सहायक गतिविधियों में कार्यरत 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। सरकार का कहना है कि यह निर्णय उपभोक्ताओं के हितों और गन्ना किसानों के हितों के बीच संतुलन स्थापित करेगा।
पीएम की अध्यक्षता में हुयी बैठक
आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में फैसले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि गन्ना किसानों के लिये बड़ा फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि अब गन्ने पर उचित और लाभकारी मूल्य 290 रुपये प्रति कुंतल कर दिया गया है। पहले यह 285 रुपये प्रति कुंतल था, यानि कि इसमें प्रति कुंतल 5 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य वो न्यूनतम मूल्य होता है, जिसपर चीनी मिल के मालिक किसानों से गन्ना खरीदते हैं। गोयल ने बताया कि इस फैसले से 5 करोड़ गन्ना किसानों को फायदा होगा। साथ ही चीनी मिलों और इस काम से जुड़े अन्य लगभग 5 लाख मजदूरों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
एक लाख करोड़ रुपये तक का भुगतान हो सकेगा संभव
गन्ना किसानों के बकाया के बारे में पीयूष गोयल ने कहा कि अभी उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों का 6399 करोड़ रूपया बकाया है, जो पहले के मुकाबले करीब एक तिहाई है। उन्होंने कहा कि 2017 से 2020 के बीच किसानों ने चीनी मिलों को जो गन्ना दिया अब उनका कोई पैसा बकाया नहीं है। उन्होंने बताया कि 2020-2021 में गन्ना किसानों को कुल भुगतान 90 से 91 हजार करोड़ के बीच था। अगले साल के लिये गन्ना के उचित और लाभकारी मूल्य बढ़ाने के कैबिनेट के आज के फैसले के बाद गन्ना किसानों को करीब एक लाख करोड़ रुपये तक का भुगतान संभव हो सकेगा।