Manipur Violence: मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा का असर पूरे देश पर पड़ रहा है। विपक्ष जहां केंद्र सरकार पर लगातार हमले बोल रहा है, वहीं मणिपुर में एनडीए गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। मणिपुर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) की सरकार पर लग रहे आरोपों के बीच एनडीए (NDA) की सहयोगी कुकी पीपुल्स अलायंस (Kuki Peoples Alliance) ने अपना समर्थन वापस ले लिया है। बता दें कि हिंसा के बाद से विपक्ष मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की मांग कर रहा है। वहीं कुकी पीपुल्स अलायंस (Kuki Peoples Alliance) के अलग होने से सरकार को तगड़ा झटका लगा है।
हालांकि इससे एन बीरेन सिंह सरकार को कोई खतरा नहीं है। राज्य में कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए) के पास मात्र दो विधायक हैं। कुकी पीपुल्स अलायंस (Kuki Peoples Alliance ने रविवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को लिखे एक पत्र में समर्थन वापस लेने की घोषणा की। केपीए प्रमुख टोंगमांग हाओकिप ने पत्र में कहा कि मौजूदा समय में टकराव पर लंबा विचार करने के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर की मौजूदा सरकार के लिए समर्थन जारी रखने का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है।
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उन्होंने आगे लिखा है कि केपीए मणिपुर सरकार से अपना समर्थन वापस ले रही है। बता दें कि 60 सदस्यीय मणिपुर की विधानसभा में कुकी पीपुल्स एलायंस के दो विधायक (सैकुल से केएच हांगशिंग और सिंघट से चिनलुंगथांग) हैं। वहीं मणिपुर विधानसभा में कुकी-जोमी समुदाय के 10 विधायक हैं, जिनमें से सात भारतीय जनता पार्टी के, दो कुकी पीपुल्स एलायंस और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। गौरतलब है कि केपीए के समर्थन वापस लेने से मणिपुर सरकार को कोई खतरा नहीं है। राज्य में बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 37 सीटें हैं। इसके साथ ही एनडीए को पांच एनपीएफ, सात एनपीपी और तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के पास पांच और जेडीयू के पास एक सीट है।
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