Lucknow News: भारत जैसे देश में आम और खास की बात सामन्य है। यहां सड़कें, गली व मोहल्लों को देखकर अंदाजा लगा लिया जाता है कि यह खास लोगों का मोहल्ला, यह आम लोगों की गली है। योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल चल रहा है, लेकिन प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सीएम योगी का सपना अभी भी अधूरा है। अधिकारियों के भरोसे सरकार सरकार चलाने वाले योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का वास्तविक हालात नजर नहीं आ रहा है। नतीजा यह है कि प्रदेश की बात छोड़िए राजधानी लखनऊ की सड़कें भी गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई हैं। सड़क के गड्ढा में जमा बरसात का पानी, लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। एमिटी यूनिवर्सिटी गेट नंबर 3 के सामने मल्हौर ईशापिका स्टेट रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी का मुख्य मार्ग और सम्पर्क मार्ग जर्जर अवस्था में है। इस सोसायटी में विगत 10 वर्षों से मध्यम वर्ग के करीब 150 परिवार रहते हैं। लेकिन जन सुविधाओं का टोटा यहां लगातार बना रहता है।
सोसायटी में लगभग आम लोगों का रहना है, शायद यहां सुविधाएं भी आम जैसी ही हैं। जल जमाव के चलते जहां मल्हौर वार्ड के लोगों पर संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है, वहीं टूटी सड़कों पर चलना दूभर हो गया है। जल भराव के चलते लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम में इसकी कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोगों का कहना है कि दिसम्बर, 2019 से यह सोसायटी कालोनी नगर निगम क्षेत्र के निवासियों द्वारा हाउस टैक्स भी जमा किया जा रहा है। बावजूद इसके उनकी समस्याओं को सुनने वाला कोई नहीं है।
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इलाके में नाली निर्माण कराए जाने और पानी निकासी की व्यवस्था कराए जाने के सबंध में कई बार आवेदन किया जा चुका है। लेकिन कोई भी जिम्मेदार समस्याओं के निराकरण को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। जलभराव की समस्याओं से जूझ रहे सोसायटी के लोगों में लखनऊ नगर निगम को लेकर काफी आक्रोश है। लोगों का आरोप है कि नगर निगम वीआईपी एरिया देखकर काम करता है। एक तरफ जहां फोन करने से महोल्ले की समस्याओं का निस्तारण करा दिया जाता है, वहीं हम लोगों के बार-बार आवेदन करने पर भी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।
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