अमरावती: अमर शहीद संत कंवर जी साहिब की स्मृति में स्थापित संत कंवर धाम में चतुर्थ जोत संत राजेश जी साहिब के गद्दीनशीनी समारोह की भव्य शुरुआत सर संघ चालक मोहन भागवत के कर कमलों से दीप प्रज्जलन के साथ हुई। पिछले 2 दिन से चल रहे इस भव्य आध्यात्मिक आयोजन में देश विदेश से अनेक संत, विद्वान और महापुरुष अपनी सहभागिता दे रहे हैं।
इस भव्य, दिव्य मंच से सर संघ चालक ने प्रख्यात चिंतक और लेखक, समाजसेवी एवं उद्यमी संजय शेरपुरिया की ऐतिहासिक पुस्तक ‘मैं माधोभाई’ का लोकार्पण किया। यह पुस्तक पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं की पीड़ा का जीता जागता चित्रण है। भारत विभाजन की त्रासदी को झेलते हुए 70 वर्षों से हिन्दू समाज के लोगों के साथ पाकिस्तान में जो बुरा बर्ताव हो रहा है, यह पुस्तक उसी का चित्रण करती है। इसके लेखक संजय शेरपुरिया ने वर्षों से इस विषय को लेकर शोध किया है। वह दिल्ली में ऐसे पाकिस्तानी हिंदुओं की एक बस्ती को भी बसा चुके हैं और लगातार उन लोगों की पीड़ा कम करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर आए इन हिन्दू परिवारों के रहने, उनके आवास, भोजन, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के लिए सजंय शेरपुरिया लगातार लगे हुए हैं और उनके इस कार्य को सामाजिक क्षेत्र में काफी सराहा जा रहा है। ‘मैं माधो भाई’ नाम से प्रकाशित उनकी यह पुस्तक ऐसे हिन्दू परिवारों की सत्य गाथा है। यह पुस्तक प्रमाणित करती है कि धर्म के आधार पर किये गए भारत के विभाजन का सारा नुकसान केवल हिंदुओं को ही भुगतना पड़ा है।
इस समारोह में प्रथम जोत शहीद कंवर जी साहिब के जीवन चरित्र पर भी वक्ताओं ने गंभीरता से प्रकाश डाला। सभी ने भारत विभाजन की त्रासदी झेलने वाले सिंधी समाज की वीरता, धैर्य और उनकी सकारात्मक ऊर्जा को रेखांकित किया। भारत के विकास में सिंधी समाज के योगदान और हिंदुत्व की रक्षा में इस समाज की सक्रियता पर भी सभी ने प्रकाश डाला। पुस्तक का विमोचन करने के बाद जगतगुरु शंकराचार्य ने अपने प्रवचन में बताया कि हिंदू समाज के इन लोगों की आशाओं को अवश्य सकारीत किया जाएगा।
कार्यक्रम में संत समाज को नमन करते हुए संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बताया कि सारे समाज के लोगों को संत का आशीर्वाद मिलता है, वह समय में हमारा भी यह कर्तव्य है कि संतों का ख्याल करें। पाकिस्तानी हिंदुओं की बात करते हुए भागवत ने कहा कि मुझे प्रारंभ शब्द बहुत अच्छा लगता है क्योंकि जो भी कार्य का प्रारंभ होता है वह कभी नव कभी अवश्य पूरा होता है। इस बात को बताते हुए उन्होंने कंचन राय के द्वारा किए गए प्रवचन की सराहना भी की।
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दिव्यजोत संत कंवर जी साहिब के धाम में द्वितीय जोत संत पेशुराम साहिब और त्रितीय जोत संत मनोहर लाल साहिब के बाद आज चतुर्थ जोत संत राजेश साहिब अब इस धाम के गद्दीनशीन हो रहे हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस समारोह में सरसंघ चालक मोहन भागवत जी के साथ परमपूज्य शंकराचार्य, ज्योतिर्मठ पीठाधीश्वर स्वामी वसुदेवाचार्य महाराज और श्रीनाथ पीठाधीश्वर स्वामी जितेंद्र नाथ महाराज के अलावा देश विदेश की पंचायतों, अखाड़ों और पीठों के अनेक संत मनीषी भी भाग ले रहे हैं। इस समारोह में इंदौर के सांसद शंकर लाल लालवानी, जबलपुर के विधायक अशोक कुमार रोहाणी, कवंर धाम ट्रस्ट के उपाध्यक्ष साईं जशनलाल, सचिव नानक आहूजा, उपाध्यक्ष सुदामा चंद तालेड़ा, लीलाराम फुफरेजा सहित अनेक गण्यमान्य भी शिरकत कर रहे है।
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