गाजीपुर: मोहम्मदाबाद का नाम अष्टशहीद नगर रखने के लिए यहां के नागरिकों की तरफ से आवाज उठाई गई है। इस बारे में एक सार्वजनिक प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। इसके लिए दस हजार लोगों के हस्ताक्षर के साथ प्रधान मंत्री को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया गया है। मुहम्मदाबाद तहसील के शेरपुर गांव को शहीदों की धरती की धरती के रूप में जाना जाता है। इस गांव के आठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने एक साथ देश की आन-बान और शान की रक्षा लेकर अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया था। इसी गांव के रहने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बालेश्वर राय का स्वर्गवास 18 मार्च को हो गया। बालेश्वर राय ने अपने पुत्रों से गांव और क्षेत्र के विकास की मंशा जाहिर की थी। स्वर्गीय राय की मंशा के अनुरूप उनके पुत्र संजय शेरपुरिया ने गांव वालों की सहूलियत को देखते हुए करीब डेढ़ किलोमीटर तक की बुरी तरह खराब हो चुकी सड़क को अपने खर्च से बनवा डाला।
स्वर्गीय बालेश्वर राय की त्रयोदशी के मौके पर शेरपुर संवाद नाम का एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया। शेरपुर संवाद में वक्ताओं को नए भारत का नया उत्तर प्रदेश विषय पर अपने विचारों को मन से रखने के लिए आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्वांचल के अलग-अलग जनपदों से आए समाज के सभी वर्ग की बराबर हिस्सेदारी देखी गई। कार्यक्रम के दौरान सभी आगंतुकों को प्रदेश और क्षेत्र के विकास से संबंधित अपने बातों को साझा करने का अवसर दिया गया। शेरपुर संवाद के अंत में सभी ग्रामीणों की सहमति से एक प्रस्ताव पर चर्चा कर उसको पारित किया गया, जिसमें मुहम्मदाबाद का नाम परिवर्तित कर अष्टशहीद नगर रखने की बात कही गई।
दस हजार लोगों के हस्ताक्षर के साथ प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन
इस प्रस्ताव को सभा में मौजूद करीब 10000 ग्रामीणों ने ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके साथ ही शेरपुर संवाद कार्यक्रम में एक और प्रस्ताव पर ग्रामीणों से रायशुमारी की गई। जिसमें शेरपुर ग्राम को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ग्राम का दर्जा दिए जाने पर चर्चा हुई। ग्रामीणों ने इस प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। शेरपुर संवाद के आयोजकों ने ग्रामीणों के इस दोनों पारित किए गए प्रस्ताव को लिखित रूप से ग्रामीणों के हस्ताक्षर के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय भेजने का की योजना बनाई है।
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इन दोनों प्रस्ताव पर करीब 10000 ग्रामीणों ने अपना अब तक हस्ताक्षर दिया है किया है।इसके साथ ही समाज के अलग-अलग तबके के लोगों ने भी शेरपुर संवाद में अपने विचारों को मंच के माध्यम से साझा किया। जिसमें राजगुरु मठ पीठाधीश्वर काशी अनंतानंद सरस्वती, एमएलसी मिर्जापुर विनीत सिंह,पद्मश्री रजनीकांत, इंजीनियर अरविंद राय,यूपीडा के सूचना सलाहकार दुर्गेश उपाध्याय,निर्गुण भजन सम्राट मदन राय, धर्मचक्र इंडो-जापानी बुद्धिस्ट कल्चर सोसायटी जापान की अध्यक्ष वेन म्योजित्सू नागाकुबो और काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्रीकांत मिश्र के साथ ही करीब 50 से ज्यादा से सांसद और विधायकों ने भी कार्यक्रम अपनी मजूदगी दर्ज करायी।
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