Newschuski Digital Desk: हम सभी ने मंदिरों के ऊँचे शिखर पर लहराते भगवा या लाल रंग के ध्वज देखे हैं। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर यह परंपरा इतनी महत्वपूर्ण क्यों है? यह कोई साधारण रस्म नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक और दार्शनिक मान्यता पर आधारित है।
एक पुरातन परंपरा
मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने की परंपरा हमारे देश में सदियों से चली आ रही है। हिंदू शास्त्रों, जैसे गरुड़ पुराण में भी इसका उल्लेख मिलता है। इसे केवल एक कपड़े का टुकड़ा नहीं, बल्कि दिव्यता, विजय और संरक्षण का प्रतीक माना गया है।

ध्वज के पीछे छिपे हैं ये गहरे रहस्य
ब्रह्मांडीय ऊर्जा का एंटीना: मान्यता है कि मंदिर का शिखर वह सर्वोच्च बिंदु है जहाँ से ब्रह्मांडीय ऊर्जा सबसे पहले प्रवेश करती है। ध्वज इस ऊर्जा और गर्भगृह में स्थापित देवता के बीच एक संपर्क-सूत्र यानी ‘एंटीना’ का काम करता है, जो पूरे परिसर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
हमारे जीते जी अयोध्या में हमें श्री राम मंदिर पर ध्वजारोहण समारोह देखने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ! हमारे लिए इससे बड़े सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है! मोदी जी के काँपते हाथ और आँखो में अश्रुओं की हल्की से धारा हज़ारों लाखो श्रद्धालुओं और राम भक्तों के बलिदान की गाथा कहते है! जय… pic.twitter.com/vHu2LcyMT9
— Anupam Kher (@AnupamPKher) November 25, 2025
पहचान का प्रतीक: पुराने समय में, जब मंदिर इतने ऊँचे नहीं होते थे, तब दूर से लहराता ध्वज ही यात्रियों और भक्तों को यह संकेत देता था कि देखो, यहाँ ईश्वर का घर है। यह एक मार्गदर्शक के समान था।
धर्म की जीत का झंडा: ध्वज शब्द का अर्थ ही विजय पताका होता है। मंदिर पर फहरता ध्वज यह घोषणा करता है कि इस स्थान पर धर्म और सदाचार की विजय हुई है।
एक सक्रिय संदेश: ध्वज का लगातार लहराते रहना यह याद दिलाता है कि धर्म कोई निष्क्रिय चीज नहीं है। यह सदैव गतिशील, जीवंत और हमारे जीवन का अंग बना रहना चाहिए।
भक्तों के लिए सुकून: भक्तों के लिए यह ध्वज आस्था और विश्वास का केंद्र है। इसे देखकर मन में एक अद्भुत शांति और सुरक्षा का भाव जागता है, यह एहसास होता है कि हम ईश्वर के धाम में पहुँच गए हैं।
श्री अयोध्या धाम में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर पर ध्वजारोहण एक यज्ञ की पूर्णाहुति नहीं, बल्कि एक नए युग का शुभारंभ है।
भारत के भाग्य को वैश्विक मंच पर एक नई ऊंचाई प्रदान करने वाले आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी एवं हमारे विचार परिवार के मुखिया,… pic.twitter.com/xHzZE4cwJm
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025
रंगों और चिह्नों का महत्व
ध्वज पर बने चिह्न और उसका रंग भी अपना एक विशेष अर्थ रखते हैं।
भगवा रंग: त्याग, तपस्या और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक।
लाल रंग: माँ शक्ति के प्रति भक्ति या हनुमान जी से जुड़ाव दर्शाता है।
चिह्न: ध्वज पर अंकित ॐ, त्रिशूल, या स्वस्तिक जैसे चिह्न देवता की विशेष ऊर्जा और रक्षा का संकेत देते हैं।
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