कोलकाता: ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार द्वारा गठित बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में पश्चिम बंगाल के बहारमपुर से लोकसभा सांसद और पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को शामिल किए जाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। तृणमूल कांग्रेस ने उनका नाम इस प्रतिनिधिमंडल से हटा लिया है।
सूत्रों के अनुसार, इस फैसले के पीछे मुख्य कारण यह था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को यूसुफ पठान की नियुक्ति को लेकर न तो कोई सूचना दी गई और न ही पार्टी नेतृत्व से कोई औपचारिक चर्चा की गई। इसके बजाय, सांसद से सीधे उनके पासपोर्ट विवरण मांगे गए। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “तृणमूल कांग्रेस एक स्वतंत्र राजनीतिक पहचान और आंतरिक अनुशासन वाली पार्टी है। भाजपा या केंद्र सरकार किसी भी बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में हमारे प्रतिनिधि को एकतरफा तरीके से नहीं चुन सकती।”
हालांकि तृणमूल कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया, लेकिन राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने इतना जरूर कहा कि पार्टी राष्ट्रीय हित में केंद्र सरकार की किसी भी पहल का समर्थन करती है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़े मामलों को केवल केंद्र के जिम्मे ही छोड़ना चाहती है।
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गौरतलब है कि तृणमूल नेतृत्व और खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अब तक कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं की है। जब पार्टी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने हाल ही में इस मुद्दे पर कुछ विवादास्पद बयान दिए थे, तो पार्टी ने तुरंत बयान जारी कर यह स्पष्ट किया कि वह उनके निजी विचार हैं, न कि पार्टी की आधिकारिक राय।
पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया, “हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि प्रो. सौगत रॉय द्वारा दिया गया बयान ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस का विचार नहीं है।” साथ ही, पार्टी ने अपने सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे इस संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दे पर कोई भी सार्वजनिक टिप्पणी न करें, चाहे वह सोशल मीडिया पर हो, मीडिया से बातचीत में या किसी सार्वजनिक मंच से।
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