Wayanad Landslides: वायनाड जिले में मंगलवार की सुबह बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन में यहां का एक विशाल क्षेत्र मलबे के नीचे दब गया है। इस आपदा में कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं। लापता लोगों की संख्या बढ़ने के साथ ही मृतक संख्या में और इज़ाफा हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। वहीं राहुल गांधी बुधवार यानी 31 जुलाई को राहत शिविरों का दौरा करेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से बात की और केंद्र से पूरी मदद का आश्वासन दिया। पीएम कार्यालय ने X पर एक पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री ने वायनाड में भूस्खलनों में मृतकों के परिवारों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (PMNRF) से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। घायल लोगों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला, और नूलपुझा में भारी तबाही से यहां के लोगग़म के माहौल में डूबे हुए हैं। भूस्खलन के कारण इन क्षेत्रों को अन्य जगहों से जोड़ने वाली सड़कें कट गई हैं। कई स्थानों पर बाढ़ के पानी में बह गए वाहन पेड़ों की शाखाओं में फंसे हुए देखे जा सकते हैं और कई जगह पूरी तरह से जलमग्न हैं। भूस्खलन के कारण विशाल चट्टानें ढलानों से गिर गई हैं, जिससे बचाव कार्यकर्ताओं का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। बचावकर्मी भारी बारिश के बीच मृतकों और घायलों को एंबुलेंस में शिफ्ट करते हुए दिखाई दे रहे हैं। सार्वजनिक सूचना के लिए 24 घंटे का कंट्रोल रूम निम्नलिखित नंबरों पर कार्यरत है – 9497900402, 0471 2721566। यह कंट्रोल रूम राज्य पुलिस प्रमुख के प्रत्यक्ष नियंत्रण में कार्य करता है।

Wayanad Landslides

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुष्टि की कि वायनाड जिले में भारी मानसूनी बारिश के कारण हुए कई भूस्खलनों के बाद अब तक 93 शव बरामद किए जा चुके हैं। केरल सरकार ने घोषणा की है कि 30 और 31 जुलाई को राज्य शोक दिवस के रूप में मनाया जाएगा और सभी राज्य सरकारी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया है। भारी मानसूनी बारिश के कारण हुए भूस्खलनों ने वायनाड जिले में कई लोगों की जान ले ली है, और सैकड़ों लोग मलबे और मिट्टी के नीचे फंसे हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इस जिले के लिए भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी।

इसे भी पढ़ें: शाहिद अफरीदी ने भारत की सुरक्षा चिंताओं को बताया बहाना

भारतीय सेना को राहत कार्य में शामिल किया गया है क्योंकि प्रभावित क्षेत्र को एक नजदीकी शहर से जोड़ने वाला अस्थायी पुल भी नष्ट हो गया है। सेना ने चार कॉलमों को तैनात किया है, जिसमें 122 इन्फैंट्री बटालियन (टेरिटोरियल आर्मी) के दो कॉलम और DSC सेंटर, कन्नूर के दो कॉलम शामिल हैं। एक राहत अधिकारी ने बताया कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गए हैं। राज्य के वन मंत्री एके ससींद्रन ने कहा कि स्थिति गंभीर है और सरकार ने सभी एजेंसियों को राहत कार्य में सहायता करने के लिए प्रेरित किया है।

इसे भी पढ़ें: आपातकाल में महिलाओं की भूमिका

Spread the news