Health Tips: अगर आप भी सोशल मीडिया रील्स देखने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए है। हाल ही में हुई एक रिसर्च के अनुसार, लगातार एक घंटे तक मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखों में थकान और अन्य समस्याएं हो सकती हैं। यह थकान सिर्फ समय पर नहीं, बल्कि आप क्या देख रहे हैं, इस पर भी निर्भर करती है।

किताब पढ़ने से ज्यादा खतरनाक हैं रील्स

जर्नल ऑफ आई मूवमेंट रिसर्च में प्रकाशित एक स्टडी में बताया गया है कि वीडियो देखने या ई-बुक पढ़ने के मुकाबले रील्स देखने से आंखों की पुतली में ज़्यादा बदलाव आते हैं। एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने पाया कि रील्स में स्क्रीन की चमक और रोशनी लगातार बदलती रहती है। इस कारण आंखों की पुतलियां सिकुड़ती और फैलती हैं, जिससे पलकें कम झपकती हैं और आंखों की थकान बढ़ जाती है।

मानसिक सेहत पर भी पड़ता है असर

शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर आप लगातार 20 मिनट से ज़्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो यह आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।

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रिसर्च में 60% लोगों ने मोबाइल के ज़्यादा इस्तेमाल के बाद आंखों, गर्दन और हाथों में दर्द की शिकायत की। वहीं 83% लोगों ने मानसिक तनाव, चिंता और नींद में दिक्कत जैसी समस्याओं का सामना किया। इन परेशानियों को कम करने के लिए 40% लोगों ने ब्लू लाइट फिल्टर और डार्क मोड जैसे विकल्पों का इस्तेमाल किया। मोबाइल और दूसरे डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट लंबे समय तक देखने पर आंखों में थकान और नींद से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकती है।

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