
एक ऐसी बहस, जो सदियों पुरानी है, एक बार फिर से सुर्खियों में है। क्या आगरा का ताजमहल वास्तव में प्रेम का अमर स्मारक है, या फिर यह एक प्राचीन हिंदू शिव मंदिर ‘तेजोमहालय’ है, जिसे मुगलों ने हथिया लिया? एक नई फिल्म के आने से यह विवाद फिर से ताजा हो गया है, और इसके समर्थन में कई तर्क दिए जा रहे हैं।
मुगल इतिहास पर सवाल
मुख्यधारा के इतिहास के अनुसार, ताजमहल को मुगल बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम मुमताज़ की याद में बनवाया था। लेकिन इस दावे के विपरीत, कई लोग सवाल उठाते हैं। उनका कहना है कि मुमताज़ की मृत्यु बुरहानपुर में हुई थी और उन्हें वहीं दफनाया गया था। यह कैसे संभव है कि उनके निधन के महीनों बाद उन्हें ताजमहल में दफनाया गया? इसके अलावा, ताजमहल जैसे भव्य स्मारक के निर्माण का जिक्र शाहजहाँ के दरबारी दस्तावेजों में भी स्पष्ट रूप से नहीं मिलता।
हिंदू मंदिर होने के संकेत
इस दावे के पक्ष में कई वास्तुशिल्प और सांस्कृतिक संकेतों की ओर इशारा किया जाता है।
नाम: ‘ताजमहल’ शब्द को ‘तेजोमहालय’ का अपभ्रंश बताया जाता है, जिसका अर्थ है ‘शिव का महान आवास’।
वास्तुकला: ताजमहल के गुंबद के ऊपर लगा त्रिशूल, 108 की पवित्र संख्या में बने कलश, और ‘ॐ’ जैसे चिन्हों के अवशेष हिंदू मंदिर की वास्तुशिल्प शैली की ओर इशारा करते हैं।
परंपराएँ: ताजमहल में प्रवेश से पहले जूते उतारने की परंपरा मंदिरों जैसी है, न कि मकबरों जैसी।
रहस्यमय कमरे: कहा जाता है कि ताजमहल की निचली मंजिलों में लगभ 22 कमरे हैं जिन्हें शाहजहाँ के आदेश पर बंद करवा दिया गया था। ऐसा माना जाता है कि इनमें मूल हिंदू मूर्तियाँ और शिलालेख छिपे हुए हैं।
इतिहास की पुनर्व्याख्या की मांग
इस पूरे विवाद में एक बड़ा सवाल यह भी उठता है कि आजादी के इतने सालों बाद भी, हमारी ऐतिहासिक धरोहरों के बारे में पूरी सच्चाई सामने क्यों नहीं लाई गई? क्या हमारी नई पीढ़ी को केवल मुगल दरबारी इतिहासकारों और अंग्रेजों द्वारा लिखे गए इतिहास पर ही भरोसा करना चाहिए?
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यह बहस सिर्फ एक इमारत की पहचान का सवाल नहीं है, बल्कि भारत के इतिहास को एक नए नजरिए से देखने का आग्रह है। जब तक ताजमहल के बंद कमरों को पूरी तरह से वैज्ञानिक तरीके से नहीं खोला जाता और हर पहलू की गहन जांच नहीं की जाती, तब तक यह विवाद बना रहेगा। क्या आपको लगता है कि इस रहस्य पर से पर्दा उठना चाहिए?
(लेखक संस्कृति पर्व के संपादक और भारत संस्कृति न्यास के अध्यक्ष हैं।)
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