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Vyangy: हमास और लेबनान अपनी जीत की खुशियां मना रहे हैं। दोनों देशों ने कहा है कि हम लोग इसराइल को हराकर जीत गए हैं। क्योंकि इसराइल ने हमें खत्म करने की बात कही थी और इसके बाद भी हम बच गए। दोनों ने यह भी घोषणा की कि हम इजरायल के 100 लोगों को छोड़ेंगे और इसराइल हमारे 3000 लोगों को छोड़ेगा। इस तरह हम बहुत फायदे में हैं।
लेकिन सच्चाई पूरी दुनिया जानती है कि कौन फायदे में है और कौन नुकसान में। हमास और फिलिस्तीनियों के करीब 45000 मुसलमान मारे गए बदले में यह लोग करीब 2000 यहूदियों को मार सके। इसराइल ने उनकी जमीन को बर्बाद कर दिया। लाखों लोगों के मकान बर्बाद हो गए। इसके बाद भी यह प्रसन्न है कि हम खत्म नहीं हुए। नुकसान चाहे जितना भी हो, लेकिन इसराइल हमें खत्म नहीं कर सका।
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यदि आप ठीक से देखेंगे तो राहुल गांधी भी ठीक ऐसा ही सोचते हैं। राहुल गांधी का यह मानना है कि हमने पिछले चुनाव में नरेंद्र मोदी को हरा दिया। क्योंकि नरेंद्र मोदी 400 सीट जीतने की बात कर रहे थे और वह बड़ी मुश्किल से सरकार बना सके। राहुल गांधी इस तरह प्रसन्न हैं जिस तरह हमास। मैं यह नहीं समझा की हारने में भी खुश होने का क्या पैमाना होता है। यदि प्रसन्नता का कोई आकलन करना हो तो दुनिया राहुल गांधी से सीख सकती है। दुनिया हमास से भी सीख सकती है। हम बुरी तरह हार भले ही गए, लेकिन हमारी जमानत बच गई। यही हमारी सबसे बड़ी जीत है। यह प्रसन्नता का आधार राहुल गांधी से सीखा जा सकता है।
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