vastu tips: मौसम बदलने पर बीमार होना सामान्य है, लेकिन अगर घर में कोई न कोई सदस्य लगातार बीमार रहता है और सावधानी बरतने के बाद भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ रही, तो इसके पीछे वास्तु दोष भी जिम्मेदार हो सकता है।
श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन अजमेर की निदेशिका ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा का कहना है कि घर की दिशा, संरचना और उसमें फैली ऊर्जा हमारे स्वास्थ्य को गहराई से प्रभावित करती है।
क्यों होता है बार-बार बीमार पड़ना
नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष: घर में नकारात्मक ऊर्जा हो तो परिवार के लोग अक्सर अस्वस्थ रहते हैं।
गलत दिशा का असर: उत्तर-पूर्व दिशा बंद होने या दक्षिण-पश्चिम दिशा खुली होने पर स्वास्थ्य और धन दोनों पर असर पड़ता है।
खराब जीवनशैली और रोग प्रतिरोधक क्षमता: सही आदतों के बावजूद यदि रोग पीछा नहीं छोड़ता, तो घर के वास्तु को जांचना चाहिए।
स्वास्थ्य सुधारने के वास्तु उपाय
1. रसोई और भोजन
खाना बनाते समय मुंह हमेशा पूर्व दिशा में रखें।
खाना खाते समय पूर्व या उत्तर दिशा की ओर बैठें।
रसोई और बाथरूम को आमने-सामने न बनवाएं।
2. सोने की दिशा
सिर दक्षिण या पूर्व दिशा में रखकर सोएं।
सिर उत्तर दिशा में रखने से सिरदर्द, थकान और अनिद्रा बढ़ सकती है।
3. घर की संरचना
घर का ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) साफ और हल्का होना चाहिए।
यहां शौचालय या सीढ़ियां बनाने से मानसिक तनाव और मस्तिष्क संबंधी रोग हो सकते हैं।
4. बिस्तर और आईना
बिस्तर के नीचे कबाड़ या भारी सामान न रखें।
बेडरूम में आईना हो तो उसे सोते समय ढक दें।
5. प्रकाश और वायु
घर में सुबह का सूर्य प्रकाश जरूर आने दें।
यह विटामिन डी देने के साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
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6. शौचालय और पानी का स्रोत
ईशान कोण में शौचालय सबसे बड़ा दोष माना जाता है।
पानी का टैंक या बोरिंग उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
7. दवाइयों का संग्रह
घर में जरूरत से ज्यादा और पुरानी दवाइयां न रखें।
अनावश्यक दवाइयां नकारात्मक ऊर्जा का कारण बनती हैं।
8. आध्यात्मिक उपाय
रोगी के पास लाल रंग का कपड़ा रखें, यह ऊर्जा का प्रतीक है।
नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभकारी होता है।
9. घर के बाहर की सफाई
मुख्य द्वार के सामने गड्ढा या गंदगी न रहने दें।
साफ-सफाई से मच्छरों-मक्खियों से बचाव होगा और मानसिक शांति भी मिलेगी।
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