UPI rule change 2025: जुलाई 2025 की शुरुआत के साथ ही देश में कई अहम वित्तीय और तकनीकी नियम बदलने जा रहे हैं। यूपीआई लेनदेन, पैन कार्ड आवेदन, और ट्रेन की तत्काल टिकट बुकिंग जैसी रोजमर्रा की सेवाएं अब नए नियमों के तहत काम करेंगी। इन बदलावों का आम आदमी की जेब और सुविधा पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। आइए जानते हैं इन बदलावों की पूरी जानकारी-

यूपीआई चार्जबैक सिस्टम में बड़ा बदलाव

अब तक, अगर कोई UPI ट्रांजैक्शन फेल होता था या किसी सेवा/उत्पाद की डिलीवरी नहीं होती थी, तो यूजर चार्जबैक क्लेम करता था। लेकिन दावों की संख्या अधिक होने के कारण ज्यादातर क्लेम रिजेक्ट कर दिए जाते थे।

अब, 15 जुलाई 2025 के बाद, यदि बैंक को कोई चार्जबैक दावा सही लगता है, तो वह उसे एनपीसीआई से अनुमति लिए बिना ही प्रोसेस कर सकेगा। पहले बैंक को एनपीसीआई के “यूपीआई रेफरेंस कंप्लेंट सिस्टम (URCS)” से क्लेम को व्हाइटलिस्ट करवाना पड़ता था। इस बदलाव से उपयोगकर्ताओं को चार्जबैक में तेजी और पारदर्शिता मिलेगी।

पैन कार्ड के लिए आधार अनिवार्य

1 जुलाई, 2025 से पैन कार्ड के लिए आवेदन करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। अब तक, कोई भी व्यक्ति जन्म प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेजों के आधार पर भी आवेदन कर सकता था, लेकिन अब सिर्फ आधार ही मान्य होगा। सरकार का उद्देश्य पैन और आधार को पूरी तरह से लिंक कर ट्रैकिंग को आसान बनाना है।

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तत्काल ट्रेन टिकट बुकिंग पर भी नियम सख्त

अब IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए भी आधार सत्यापन (KYC) जरूरी होगा। 1 जुलाई 2025 से बिना आधार के तत्काल टिकट बुक नहीं हो सकेगी। इसका उद्देश्य फर्जी बुकिंग को रोकना और पारदर्शिता बढ़ाना है।

जीएसटी रिटर्न फाइलिंग में आएगी सख्ती

जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने 7 जून को घोषणा की थी कि जुलाई से फॉर्म GSTR-3B में कोई संशोधन (एडिट) नहीं किया जा सकेगा। साथ ही, कोई भी कारोबारी तीन साल से ज्यादा पुरानी रिटर्न फाइल नहीं कर पाएगा। इससे समय पर जीएसटी रिटर्न फाइल करने की आदत को बढ़ावा मिलेगा और कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

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