संजय तिवारी
UP Ias Transfer: उत्तर प्रदेश की बेलगाम नौकरशाही पर कड़क मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का चाबुक चल गया। वर्षों से वटवृक्ष बन चुके दरख़्त कहाँ गिरे, वे खुद सोचें। कुछ नौकरशाहों के कारण पूरी व्यवस्था पर हो रही चर्चाएं अब किस रूप में चलेंगी, इसके लिए कुछ दिन इंतजार करना पड़ेगा। एक बात साफ है कि पूरे 6 वर्ष के प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण और परिणाम की परीक्षा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लगभग सभी बडे नौकरशाहों को कड़ा संदेश दे दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री (Yogi Adityanath) ने तब किया है जब पार्टी और संगठन के ढांचे को बदल दिया गया है। अब उत्तर प्रदेश की नौकरशाही किस तरह खुद को मुकाबिल बनाती है, यह उसे ही तय करना है।
बड़े-बड़े धराशायी, कौन कहाँ गिरा, वह खुद सोचे
सूत्रों की मानें तो इस बदलाव के मूल में योजनाओं और उन प्रेजेंटेशन की बहुत बड़ी भूमिका है, जो स्क्रीन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को खूब दिखाए गए, लेकिन धरातल पर कुछ दिखा नहीं। कई बड़े नौकरशाह खुद को मुख्यमंत्री से निकटता जोड़ कर राजनीतिक संबंध और सपने बुनने में इतने मशगूल थे कि उनके लिए सांसद, विधायक और संगठन के पदाधिकारियों या जेनुइन कार्यों का भी कोई महत्व नहीं था। कुछ तो ऐसे भी थे जो मुख्यमंत्री के कहने के बाद भी फाइलें लटका कर बहुत बाद में उसी कार्य के लिए खुद का श्रेय लेने में लगे रहते थे। कुछ ऐसे भी मठाधीश जैसे नौकरशाह थे जिनके लिए कार्य से ज्यादा राजनीति और निजी उत्थान और सम्बंध बहुत महत्वपूर्ण हो गए थे।
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प्रशिक्षण, पर्यवेक्षण और परिणाम ही होंगे बने रहने के आधार
इस बार के इस बदलाव ने बहुत स्पष्ट संदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने सलीके से कड़क मिजाज के साथ साफ कर दिया है कि उनके लिए वही महत्वपूर्ण है, जो परफॉर्म करेगा। जो काम करेगा, वही आगे जाएगा। जो दिखावा करेगा, उसके लिए शासन में कोई महत्वपूर्ण जगह नहीं है।
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