Pauranik Katha: राजा निमि की कथा

Pauranik Katha: श्रीरामचन्द्र जी बोले, हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें शाप से सम्बंधित एक अन्य कथा सुनाता हूँ। हमारे ही पूर्वजों में निमि नामक एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा…

Pauranik Katha: कमल के फूल पर ही क्यों बैठती हैं माता लक्ष्मी

Pauranik Katha: महालक्ष्मी के चित्रों और प्रतिमाओं में उन्हें कमल के पुष्प पर विराजित दर्शाया गया है। इसके पीछे धार्मिक कारण तो है, साथ ही कमल के फूल पर विराजित…

Pauranik Katha: महाभारत में एक नहीं तीन कृष्ण थे, जानें चौंकाने वाला रहस्य

Pauranik Katha: महाभारत में कई रहस्य छुपे हुए हैं। आज भी ऐसे कई रहस्य हैं जिन्हें बहुत कम ही लोग जानते होंगे। आओ एक ऐसा ही रहस्य आपको आज हम…

Pauranik Katha: क्षीरसागर का कछुवा कैसे बना गंगा घाट का केवट

Pauranik Katha: क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ…

Pauranik Katha: जरासंध के जन्म एवं मृत्यु का रहस्य

Pauranik Katha: महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ में अनेक महारथी व बलशाली राजाओं का वर्णन है। ऐसा ही एक महारथी राजा था जरासंध। उसके जन्म व मृत्यु की कथा…

Pauranik Katha: होनी बहुत बलवान है

Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उनके पुत्र जन्मेजय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों में…

Pauranik Katha: माता पार्वती के महल लंका की कहानी

Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…

Pauranik Katha: वासना के कारण विनाश का उदाहरण है सुंद-उपसुंद की कथा

Pauranik Katha: हिरण्यकशिपु के वंशज सुंद-उपसुंद। हिरण्यकशिपु के वंश में राक्षस निकुंभ के दो पुत्र हुए, सुंद और उपसुंद। ये दोनों भाई अपने समय के शक्तिशाली राक्षस थे। दोनों में…

कथा सुनने से जीवन में आती है सुख-शांति: प्यारे मोहन महाराज

लखनऊ: भक्ति कथाओं में जीवन का सार निहित है। जीवन में बाधाएं तो आती रहती हैं। कुछ लोग इन बाधाओं से पार पाने के लिए धैर्य खो देते हैं, जबकि…