Astrology: अंतिम ऋण चिता की लकड़ी

Astrology: क्या आप जानते हैं मृत्यु के बाद भी कुछ ऋण होते हैं, जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं। हिंदू धर्म शास्त्रों में पांच प्रकार के ऋण बताए गए…

Kahani: जब नाम भगवान ने सुदर्शन रूप से की भक्त की रक्षा

Kahani: संत श्री अनंतकृष्ण बाबा के पास एक लड़का सत्संग के लिए आया करता था। प्रभावित होकर दीक्षा के लिए प्रार्थना करने पर बाबा ने कहा कि महामंत्र का 11…

Prerak Prasang: शरशय्या पर कितने दिनों के बाद भीष्म पितामह ने त्यागे थे प्राण

Prerak Prasang: महर्षि वेदव्यास की महान रचना महाभारत ग्रंथ के प्रमुख पात्र भीष्म पितामह हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे एकमात्र ऐसे पात्र है, जो महाभारत में…

Prerak Prasang: समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती!

Prerak Prasang: एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है। पैरों में महँगे और नये जूते होने पर सोचता है कि क्या करूँ? यदि बाहर उतार कर जाता हूँ,…

Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था, जिसे शिल्प कलाअत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेश जाया करते थे। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियां अपने राज महल में लाकर रखी…

Kahani: विधि का विधान

Kahani: श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे, फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुवा, नही राज्याभिषेक। और जब मुनि वशिष्ठ से इसका…

Kahani: नीच और ऊंच की पहचान

Kahani: महाराजा विक्रमादित्य प्रायः अपने देश की आंतरिक दशा जानने के लिए वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे। एक दिन घूमते घूमते एक नगर में पहुंचे। वहां का रास्ता…

Kahani: भरत के नाम पर पड़ा देश का नाम भारत

Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…