Poetry: क्या सूरज कभी कहीं छुपता है
क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…
क्या सूरज कभी कहीं छुपता है, क्या देख चुनौती वो रुकता है। अहर्निश जीवन प्रकाश बांटता, क्या सूरज तेज ताप चुकता है।। वह तो सदा स्वंय की लय में, अपनी…