शिव उपासना का मूल केन्द्र है भारत

भारत में सावन का महीना शिव उपासना की जलरस भरी मुहूर्त है। शिव सोम प्रेमी हैं। सोम प्रकृति की सृजन शक्ति है। सृजन की यही शक्ति शिव ललाट की दीप्ति…

Pauranik Katha: जानें क्यों आये भगवान शिव महाकाली के पैरों के नीचे

Pauranik Katha: भगवती दुर्गा की दस महाविद्याओं में से एक हैं महाकाली। जिनके काले और डरावने रूप की उत्पति राक्षसों का नाश करने के लिए हुई थी। यह एक मात्र…

Pauranik Katha: जानें गणेश जी का असली मस्तक कटने के बाद कहां गया था

Pauranik Katha: भगवान श्री गणेश गजमुख, गजानन के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उनका मुख गज यानी हाथी का है। भगवान गणेश का यह स्वरूप विलक्षण और बड़ा ही…

Pauranik Katha: एक राम नाम हज़ार दिव्य नामों के समान

Pauranik Katha: महादेव जी को एक बार बिना कारण के किसी को प्रणाम करते देखकर पार्वती जी ने पूछा कि हे देव! आप किसको प्रणाम करते रहते हैं? शिवजी पार्वती…

खुद की पहचान कर अपने आप को नशे से बचाइए: ब्रह्मा कुमारीज

छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ कॉलोनी द्वारा शिवरात्रि (Shivaratri) के उपलक्ष्य में परमात्मा शिव का सत्य परिचय, संस्कार और संस्कृति की रक्षा, नशा मुक्ति का संदेश देने के उद्देश्य से ग्राम गौरगांय…

Pauranik Katha: महादेव का वरदान से गजासुर भक्त से बन गया बेटा

Pauranik Katha: गज और असुर के संयोग से एक असुर का जन्म हुआ। उसका मुख गज जैसा होने के कारण उसे गजासुर कहा जाने लगा। गजासुर शिवजी का बड़ा भक्त…

Pauranik Katha: भगवान शिव के छह पुत्र

Pauranik Katha: आपने भगवान विष्णु के पुत्रों के नाम पढ़े होंगे। नहीं पढ़ें तो अब पढ़ लें आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत। विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री…

Pauranik Katha: त्रिपुरासुर का वध महादेव ने कैसे किया

Pauranik Katha: त्रिपुरासुर तारकासुर के पुत्र थे, जो असुर राज बलि की कृपा प्राप्त कर के भयंकर असुर बन गये थे। महाभारत के कर्णपर्व में त्रिपुरासुर के वध की कथा…

Pauranik Katha: शिवभक्त भृंगी जिनके लिए भगवान को धारण करना पड़ा अर्द्धनारीश्वर रूप

Pauranik Katha: महादेव के गणों मे एक हैं भृंगी। एक महान शिवभक्त के रूप में भृंगी का नाम अमर है। जहां शिव होंगे वहां गणेश, नंदी, श्रृंगी, भृंगी, वीरभद्र का…

Pauranik Katha: महादेव के भक्त भील-भीलनी की कहानी

Pauranik Katha: चंड नामक एक सरल हृदय का भील जंगल में रहता था। वहां टूटा-फूटा पुराना शिवालय था। उसमें कोई पूजा नहीं करता था। चंड उस मूर्ति को उठाकर अपने…

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