Poetry: काल चक्र चल रहा निरन्तर

काल चक्र चल रहा निरन्तर हर पल कुछ हमसे कहता है। सूक्ष्म दृष्टि का हो जो पारखी भावी से सदा विज्ञ रहता है।। जो भी आज प्रकट होता है बोये…

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