राष्ट्रविरोधी तत्वों के सफाये के बिना राष्ट्र की उन्नति संभव नहीं

देवेन्द्र सिकरवार लेनिन ने ‘चेका’ का गठन किया और भूमि व संसाधनों पर कब्जा जमाये बैठे कुलीन वर्ग और उनके पैसों पर पलते समर्थक बुद्धिजीवियों को ढूंढ-ढूँढ़ कर साफ किया।…

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