Poetry: पं. बृजभूषण राय की भूमि, बीसोखोर

पूरब दिशा में पीतांबर बाबा, तेज लिए रथ से अवतार। राजयोग की छाया जैसे, न्याय करें निष्कलंक विचार॥ तप की ज्वाला पूजा जिनकी, अवतारी माने सब ज्ञान। जप-यज्ञ के तेजस्वी…

Poem: जग के नाथ जगन्नाथ

नीलांचल पर्वत पर शोभित, एक नगर है शांत बड़ा, जहाँ भक्तगण भीड़ लगाए, करुण भाव में नयन भरा। पुरी नगरी पूज्य सदैव, तीर्थों में उत्तम सम्मान, जहाँ स्वयं भगवान रचाते,…

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