हमसे न पूछिए
दिल ने जो रंज खाए हैं, हमसे न पूछिए, कैसे दिये बुझाए हैं, हमसे न पूछिए। वो रूठ कर गए तो हवाएँ भी रुक गईं, कैसे ख़ुदा मनाए हैं, हमसे…
दिल ने जो रंज खाए हैं, हमसे न पूछिए, कैसे दिये बुझाए हैं, हमसे न पूछिए। वो रूठ कर गए तो हवाएँ भी रुक गईं, कैसे ख़ुदा मनाए हैं, हमसे…
कवि! तू झूठा है, यह बात मैं, डंके की चोट पर कहती हूँ! तेरी विरह गाथा के पीछे, मैं एक सचाई देखती हूँ। मैंने तेरा हाल पता किया, तेरे घर…
तन की चुनर भीगती जाए, मन की चूनर डोल उठे, बूँदें जैसे गीत रचें हों, पायल की झनकार बहे। घटा ओढ़कर नाची वह, नयन बंधन तोड़े जब, झरने सी इक…