Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर के जन्म की कथा

Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था इसलिये…

श्रीराम और श्रीकृष्ण की मर्यादा

श्रीमन नारायण भगवान विष्णु को मानव रूप धारण करके श्रीराम के नाम से अवतरित होने का निर्णय हो चुका था। त्रेता युग के इस महाअवतार श्रीराम के समक्ष सबसे बड़ी…

Pauranik Katha: महादानी सूर्यपुत्र कर्ण की मृत्यु का रहस्य, श्रीकमृष्ण ने दी थी मुखग्नि

Pauranik Katha: दुशाशन को जब भीम ने मार कर उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव…

Pauranik Katha: द्रुपद और द्रोणाचार्य, जानें दोस्त से कैसे बने दुश्मन

Pauranik Katha: महाभारत में पृषत नाम के एक राजा भरद्वाज मुनि के मित्र थे। उनके पुत्र का नाम द्रुपद था। वह भरद्वाज आश्रम में रहकर द्रोणाचार्य के साथ ही शिक्षा…

Pauranik Katha: भानुमती का कुनबा, दुर्योधन की पत्नी ने अर्जुन से की थी शादी

Pauranik Katha: महाभारत कालीन भारत में एक राज्य था कम्बोज। यह राज्य वर्तमान जम्मू-कश्मीर के चित्राल, बलूचिस्तान, बल्टीस्तान से लेकर एक ओर वर्तमान अफगानिस्तान के गान्धार से जुड़ा था तो…

Pauranik Katha: भीम और हिडिम्बा के विवाह की कथा

Pauranik Katha: हिडिम्बा पांडव कुल की सबसे पहले बनने वाली वधू बनी थी। लाक्षागृह यानी लाह के बने घर को जब दुर्योधन एवं मामा शकुनि की योजना के अनुसार, जलाया…

Pauranik Katha: अर्जुन और भगवान शिव का युद्ध

Pauranik Katha: हिमालय की तराई में एक सघन वन था, वन में तरह-तरह के पशु-पक्षी रहते थे। वहीं जगह-जगह ऋषियों की झोंपड़ियां भी बनी हुई थीं। ऐसा लगता था मानो…

Pauranik Katha: महारथी कर्ण के कवच कुण्डल का रहस्य

Pauranik Katha: एक असुर था, दम्बोद्भव। उसने सूर्यदेव की बड़ी तपस्या की। सूर्य देव जब प्रसन्न हो कर प्रकट हुए और वरदान मांगने को कहा तो उसने “अमरत्व” का वरदान…

Pauranik Katha: श्रीकृष्ण ने राजा मोरध्वज के सामने तोड़ा अर्जुन का घमंड

Pauranik Katha: महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद अर्जुन को अभिमान हो गया कि वो श्रीकृष्ण के सर्वश्रेष्ठ भक्त है, अर्जुन सोचते थे कि कन्हैया ने मेरा रथ चलाया, मेरे…

Pauranik Katha: अंतर्मन को छूता महाभारत का यह सार्थक प्रसंग

Pauranik Katha: महाभारत युद्ध समाप्त हो चुका था। युद्धभूमि में यत्र-तत्र योद्धाओं के फटे वस्त्र, मुकुट, टूटे शस्त्र, टूटे रथों के चक्के, छज्जे आदि बिखरे हुए थे और वायुमण्डल में…

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