Poem: एक बूंद गिरता जब भू पर
एक बूंद गिरता जब भू पर, भू कण को है नम कर देता। सोया हुए बीज उर अन्तर, नव जीवन का रस भर देता।। सुक्ष्म कणों के मध्य रिक्त में,…
एक बूंद गिरता जब भू पर, भू कण को है नम कर देता। सोया हुए बीज उर अन्तर, नव जीवन का रस भर देता।। सुक्ष्म कणों के मध्य रिक्त में,…