Kavita: अभी समय है जागो प्रियजन
आंख खोल कर देखो अब तो, बंग बंधु क्या संदेश दे रहे। कान खुले होते यदि तेरे, देश विभाजन कभी न होता।। अभी समय है जागो प्रियजन, स्वाभिमान कुछ शेष…
आंख खोल कर देखो अब तो, बंग बंधु क्या संदेश दे रहे। कान खुले होते यदि तेरे, देश विभाजन कभी न होता।। अभी समय है जागो प्रियजन, स्वाभिमान कुछ शेष…