Sukhwinder Singh Sukhu: कांग्रेस विधायक दल के नेता पद पर निर्वाचित होने वाले सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनको हिमाचल प्रदेश में एक आक्रमक और जुझारू नेता के तौर पर जाना जाता है। उनका जन्म 26 मार्च, 1964 को मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रसील सिंह शिमला में सरकारी कर्मचारी थे। उनकी पत्नी का नाम कमलेश ठाकुर और दो बेटियां हैं। सुक्खू हमीरपुर जिले के नादौन उपमंडल के बटराण के रहने वाले हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) स्नातकोत्तर हैं। उन्होंने वर्ष 1991 में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला से एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है। उनका उनका राजनीतिक जीवन संघर्षों से भरा हुआ है। सुक्खू छात्र जीवन में एनएसयूआई से जुड़े रहे। उनकी शिक्षा राजधानी शिमला के संजौली कॉलेज और प्रदेश विश्विद्यालय शिमला से हुई। संजौली कॉलेज में पहले, कक्षा के डीआर और एससीए के महासचिव चुने गए। उसके बाद राजकीय महाविद्यालय संजौली में केंद्रीय छात्र परिषद (एससीए) के अध्यक्ष चुने गए।
सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) की खास बात यह है कि वो कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई, युवा कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। सूक्खू के बारे में रोचक पहलू यह है कि वह इन तीनों पदों पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले राजनेता हैं। इस तरह उनके पास संगठन में काम करने का लंबा राजनीतिक अनुभव है। सुक्खू वर्ष 1988 से 1995 तक एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 1995 में युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रहे। नगर निगम शिमला के दो बार पार्षद भी रहे। वर्ष 1998 से 2008 तक युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। वर्ष 2008 में प्रदेश कांग्रेस के महासचिव बने। जनवरी 2013 से जनवरी 2019 तक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।
इसे भी पढ़ें: अब समान नागरिक संहिता
2003 में जब विधानसभा चुनाव हुए तब सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने पहली बार हमीरपुर जिले की नादौन विधानसभा से चुनाव लड़ा और भाजपा के बाबूराम मण्डियाल को हरा कर विधानसभा में पहुंचे। 2007 में उन्होंने लगातार दूसरा चुनाव जीता। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के विजय अग्निहोत्री से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2017 एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगातार दो बार जीत हासिल की। इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हाईकमान ने सुक्खू को प्रदेश कांग्रेस प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाया। इसके अलावा वह टिकट वितरण कमेटी के भी सदस्य रहे।
इसे भी पढ़ें: तुष्टीकरण पर गुजरात से निकला कड़ा संदेश