DB Singh
डीबी सिंह

लगता है प्रकृति भी यही चाहती थी कि भारतीय महिला टीम को उस ओपनर की जरूरत पड़ेगी जो तूफानी बल्लेबाजी से मैच का रुख बदलने में सक्षम हो। ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों को हराने के लिए ऐसी बल्लेबाजों की आवश्यकता होती है जो शुरुआती ओवरों में ही विपक्ष पर दबाव बना दें, और इसमें शेफाली वर्मा पूरी तरह फिट बैठती हैं।

आईसीसी महिला विश्वकप 2025 के दौरान भारतीय टीम के चयन को लेकर काफी चर्चा रही थी। कई विशेषज्ञों ने यह सवाल उठाया था कि शेफाली वर्मा जैसी आक्रामक बल्लेबाज को मुख्य स्क्वॉड से बाहर क्यों रखा गया। परंतु अब किस्मत ने उन्हें फिर से मैदान पर वापसी का मौका दिया है।

दरअसल, भारत की ओपनर प्रतीका रावल चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई हैं। टीम प्रबंधन ने मजबूरी में ही सही, लेकिन रिप्लेसमेंट के तौर पर शेफाली वर्मा को शामिल कर लिया है। यह वही अवसर है जिसका इंतज़ार खुद शेफाली और उनके प्रशंसक लंबे समय से कर रहे थे।

Shefali Verma

शेफाली वर्मा के पास अब यह मौका है कि वह अपनी प्रसिद्ध आक्रामक शैली में बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया को मजबूत शुरुआत दें। टूर्नामेंट अब नॉकआउट चरण में प्रवेश कर चुका है, जहां हर रन, हर साझेदारी निर्णायक साबित हो सकती है। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को उम्मीद है कि शेफाली अपनी पुरानी लय में लौटेंगी और पावरप्ले में विपक्षी गेंदबाजों को खुलकर चुनौती देंगी।

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भारतीय महिला टीम के कोच और चयनकर्ताओं के लिए भी यह एक दिलचस्प स्थिति है। एक ओर जहां चोट ने टीम को झटका दिया है, वहीं दूसरी ओर यह अवसर शेफाली जैसी अनुभवी और आत्मविश्वासी बल्लेबाज के लिए दरवाजे खोल रहा है।

अब नजरें शेफाली पर होंगी, क्या वह सेमीफाइनल और फाइनल में वही धमाकेदार शुरुआत दिला पाएंगी जिसकी भारतीय महिला टीम को तलाश थी? यदि हां, तो संभव है कि इस विश्वकप की कहानी में किस्मत ही सबसे बड़ा किरदार बनकर उभरे।

(लेखक खेल विशेषज्ञ हैं।)

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