Sharadiya Navratri: इस वर्ष शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) 3 अक्टूबर 2024, गुरुवार से शुरू हो रही है। इस अवसर पर घट (कलश) स्थापना करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। निर्णय सागर पंचांग के अनुसार, घट स्थापना का पहला शुभ मुहूर्त 3 अक्टूबर को प्रातः 6:35 से 8:03 तक है। यदि कोई इस समय में कलश स्थापना नहीं कर पाता है, तो वह दोपहर 12:03 से 12:50 के बीच अभिजित मुहूर्त में भी स्थापना कर सकता है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

नवरात्रि की तिथियां

– 3 अक्टूबर: प्रतिपदा
– 4 अक्टूबर: द्वितीया
– 5 अक्टूबर: तृतीया
– 6 अक्टूबर: तृतीया (तिथि वृद्धि)
– 7 अक्टूबर: चतुर्थी
– 8 अक्टूबर: पंचमी
– 9 अक्टूबर: षष्ठी
– 10 अक्टूबर: सप्तमी
– 11 अक्टूबर: अष्टमी/ नवमी
– 12 अक्टूबर: विजयादशमी

अष्टमी और नवमी का महत्व

महाअष्टमी और नवमी हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्वपूर्ण तिथियाँ हैं। इन तिथियों का सही संयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी फलदायी माना जाता है।

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अष्टमी और नवमी का सही संयोजन

अष्टमी का पालन केवल तब करें जब नवमी साथ में हो। यह संयोजन विशेष शुभ माना जाता है, जिससे शोक और कष्ट से बचने का विश्वास होता है।

सप्तमी के साथ वाली अष्टमी से बचें

मान्यता है कि सप्तमी के साथ अष्टमी का पालन अशुभ परिणाम दे सकता है। पुराणों में इस संयोजन को लेकर चेतावनी दी गई है, इसलिए इससे बचना चाहिए। नवरात्रि के इन पावन दिनों में देवी दुर्गा की आराधना करने से सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है। इस नवरात्रि में ध्यान रखें कि घट स्थापना सही मुहूर्त में करें और अष्टमी-नवमी का पालन सही संयोजन में करें। माता दुर्गा का आशीर्वाद सभी पर बना रहे।

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