Ram Navami Ayodhya Surya Tilak: भगवान श्रीराम के भक्तों के लिए इसबार रामनवमी काफी विशेष रहा। रामनवमी के दिन बुधवार को वैज्ञानिक दर्पण के जरिए सूर्य की किरण को भगवान रामलला के मस्तक पर पहुंचाकर उनका सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की किरणों ने इस दौरान करीब 4 मिनट तक रामलला के ललाट की शोभा बढ़ाई। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए लिखा कि श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
रामनवमी के पावन अवसर पर 17 अप्रैल को बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या राम मंदिर में भगवान रामलला के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। अयोध्या में राम मंदिर के साथ ही हनुमानगढ़ी में भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी हुई है। रामनवमी पर अयोध्या की रौनक देखते ही बन रही है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न होने पाए इसकी पूरी सावधानी बरती जा रही है।
सत्यसंधान, निर्वानप्रद, सर्वहित, सर्वगुण-ज्ञान-विज्ञानशाली।
सघन-तम-घोर-संसार-भर-शर्वरी नाम दिवसेश खर-किरणमाली॥सूर्यकुल भूषण श्री रामलला के ललाट पर सुशोभित भव्य 'सूर्य तिलक' आज अखिल राष्ट्र को अपने सनातन गौरव से आलोकित कर रहा है।
जय जय श्री राम! pic.twitter.com/t0dO26tS1F
— Yogi Adityanath (मोदी का परिवार) (@myogiadityanath) April 17, 2024
रामनवमी पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अयोध्या रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि व्यवस्था पहले से ही की गई है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए हमने क्षेत्र को दो सेक्टर में बांटा है। बुधवार सुबह 3:30 बजे से रामलला के दर्शन शुरू हो गए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ट्विटर पर रामलला की तस्वीोरें शेयर करते हुए लिखा, श्री रामनवमी की पावन बेला में आज, श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्री रामलला सरकार का दिव्य अभिषेक किया गया।
गौरतलब है कि श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने जानकारी देते हुए बताया था कि सूर्य के तिलक का सफल परीक्षण पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया था कि वैज्ञानिकों ने जिस तरह से प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और अद्भुत है। सूर्य की किरणें भगवान रामलला के ठीक ललाट पर पड़ी है। सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ते ही पता चल रहा है कि भगवान सूर्य उदय कर रहे हैं। पुराणों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि त्रेता युग में भी जब प्रभु राम ने अवतार लिया था, तो उस दौरान सूर्य देव एक महीने तक अयोध्या में रुके थे। त्रेता युग का वह मनोरम दृश्य अब कलयुग में भी साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब हम प्रभु श्री राम की आरती उतार रहे थे और सूर्य देव उनके माथे पर राजतिलक कर रहे थे, तो वह नजारा बहुत ही अद्भुत था।