Bihar Assembly Elections: बिहार के बेगूसराय में रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करने के बाद एक दिलचस्प कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वह स्थानीय एक तालाब में मछली पकड़ने भी पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मछुआरे समुदाय के लोगों के साथ रूबरू बातचीत की, उनकी परेशानियों को गौर से सुना और उनके पेशे से जुड़ी चुनौतियों को प्रत्यक्ष रूप से समझने की कोशिश की।

उनके साथ विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और महागठबंधन के उप मुख्यमंत्री पद के दावेदार मुकेश सहनी भी मौजूद थे। मछुआरों के साथ इस खास मुलाकात में राहुल गांधी ने उन्हें महागठबंधन के चुनावी वादों से अवगत कराया। इन वादों में मछली पकड़ने के मौसम न होने पर मछुआरे परिवारों को 5,000 रुपये की सहायता, मत्स्य पालन बीमा योजना और नदियों तथा तालाबों के जीर्णोद्धार जैसे points शामिल हैं।

इससे पहले, राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार के लोग विदेशों में जाकर भी अपनी एक अलग पहचान बनाते हैं, लेकिन अपने ही राज्य में उनकी हालत दयनीय बनी हुई है।

उन्होंने लोगों की इस दुर्दशा के लिए सत्तारूढ़ दलों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी-जेडीयू सरकार ने बिहार के विकास के लिए यूपीए सरकार द्वारा शुरू किए गए कई कार्यक्रमों को बर्बाद कर दिया, जिनमें नालंदा विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार भी शामिल है। राहुल गांधी ने कहा, बिहार के लोग दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं। वहां वे मेहनत करते हैं और उन राज्यों के विकास में योगदान देते हैं। अगर बिहार के लोग अपने पसीने और खून से दुबई जैसा शहर बना सकते हैं, तो वे बिहार क्यों नहीं बना सकते?

उन्होंने आगे कहा, इसकी वजह यह है कि यहां की बीजेपी-जेडीयू सरकार ने लोगों को मौका ही नहीं दिया। हमारी यूपीए सरकार ने नालंदा जैसे शानदार विश्वविद्यालयों के पुनर्निर्माण का काम शुरू किया था, लेकिन यहां की सरकार ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। उन्होंने सरकार पर पेपर लीक की घटनाओं को रोकने में विफल रहने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि इससे न केवल राज्य का नाम खराब हुआ है, बल्कि युवाओं का भविष्य भी खतरे में पड़ गया है।

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राहुल गांधी ने वादा किया कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार आती है तो वे शिक्षा क्षेत्र को पुनर्जीवित करेंगे। उन्होंने कहा, हम एक ऐसा विश्वविद्यालय खोलेंगे जहां दुनिया भर से लोग पढ़ने आएंगे। यहां के लोग दुनिया बनाने के लिए मेहनत करते हैं।

उन्होंने यह भी कहा, हमने अत्यंत पिछड़े वर्गों के लिए एक ‘विशेष घोषणापत्र’ तैयार किया है, जिसे हम लागू करेंगे। हम सबको साथ लेकर चलेंगे। यह सरकार किसी को पीछे नहीं छोड़ेगी। हमारी प्राथमिकता छोटे व्यवसाय होंगे।

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