UP BJP Chief: उत्तर प्रदेश भाजपा के नए अध्यक्ष के तौर पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज के सांसद पंकज चौधरी की पुष्टि हो गई है। बीते कुछ दिनों से यूपी के सबसे बड़े राजनीतिक पद के लिए सबसे आगे चल रहे चौधरी ने आज औपचारिक रूप से नामांकन कर दिया। इसके साथ ही पार्टी ने यूपी की जटिल जातीय राजनीति में एक साथ कई रणनीतिक लक्ष्य साधने का फैसला किया है।
सीएम योगी बने पंकज चौधरी के प्रस्तावक..
संबंधों में मिश्री भले ही न घुली हो लेकिन मुस्कुराहटें खिली हैं..
ये भी बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है.. #BJP #BJP4UP #UPBJP #UPBJPPresident #election #politics #PoliticsToday pic.twitter.com/36yF2DGXGc— Vivek K. Tripathi (@meevkt) December 13, 2025
क्यों हैं पंकज चौधरी रणनीतिक पसंद
यूपी भाजपा की कमान पंकज चौधरी को सौंपने के पीछे कई मजबूत वजहें हैं।
OBC और कुर्मी समुदाय का बड़ा चेहरा: चौधरी पूर्वांचल की राजनीति में कुर्मी (OBC) समुदाय के एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कुर्मी वोटों के छिटकने से पार्टी को नुकसान हुआ था। उनकी नियुक्ति से पार्टी इस समुदाय को मजबूती से बांधने की उम्मीद कर रही है।

सपा के PDA की काट: समाजवादी पार्टी द्वारा PDA (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के नारे से मजबूती पकड़ने के बाद, भाजपा एक मजबूत OBC नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस समीकरण को संतुलित करना चाहती है।
केंद्रीय नेतृत्व का विश्वास: चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विश्वासपात्र माना जाता है। उनकी साफ-सुथरी छवि और लंबा अनुभव भी इस पद के लिए उन्हें उपयुक्त बनाता है।
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लंबा राजनीतिक सफर
पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर जमीनी स्तर से शुरू हुआ है। उन्होंने 1989 में गोरखपुर नगर निगम पार्षद के तौर पर अपना सफर शुरू किया और उपमहापौर भी रहे। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति में कदम रखा और महाराजगंज लोकसभा सीट से छह बार सांसद चुने गए (1991, 1998, 1999, 2014, 2019, 2024)। उनके पास तीन दशकों का दुर्लभ संसदीय अनुभव है।
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