Olympics 2024: ओलंपिक खेलों में महिलाओं की पहली एंट्री बहुत ही महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक घटना है। महिलाओं की पहली बार ओलंपिक खेलों में भागीदारी 1900 ईसा पूर्व में पैरिस, फ्रांस में हुई थी। यह वर्ष विशेष रूप से महिलाओं के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण था, क्योंकि पहली बार उन्हें विभिन्न खेलों में भाग लेने का मौका मिला।

1900 के पैरिस ओलंपिक में महिलाओं ने तीन खेलों में भाग लिया था: lawn tennis, golf, और वेलींग (sailing)। Lawn tennis में ब्रिटेनी की हेलेन प्राडबी को पहला स्वर्ण पदक मिला था, जबकि golf में युएलीनन कॉडा ने स्वर्ण पदक जीता था। सेलिंग में, हेलेना डी कुल्बे फ्रांस ने स्वर्ण पदक जीता था।

इस प्रकार, 1900 में महिलाओं की पहली बार ओलंपिक में भागीदारी ने महिलाओं के खेलों में वैश्विक स्तर पर पहचान स्थापित की और एक नई युग की शुरुआत की। इसके बाद से, महिलाओं का ओलंपिक में प्रतिस्पर्धा का स्तर और उनकी भागीदारी दोनों ही बढ़ी है।

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भारत की पहली महिला ओलंपिक एथलीट हेलेना मैडन हैं, जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में भारतीय दल का हिस्सा बनाया था। हेलेना मैडन का जन्म 1923 में ब्रिटिश इंडिया के मुंबई में हुआ था। उन्होंने ब्रिटिश राज के दौरान मुंबई के एक पारसी परिवार में जन्म लिया था। 1952 में हेलेना मैडन ने भारतीय दल के सदस्य के रूप में तीरंदाजी (आर्चरी) के इंदिविडुअल इवेंट में भाग लिया था। वे एकमात्र महिला थीं जो उस समय भारतीय दल में शामिल हुई थीं।

हेलेना मैडन ने अपनी शिक्षा को भी बच्चों के शिक्षा में लगाने के लिए काम किया और बाद में उन्होंने अपना समय और उपाधियों को समर्पित कर दिया। उनकी यात्रा ने भारतीय महिलाओं के लिए ओलंपिक में भाग लेने का मार्ग खोला और एक प्रेरणा स्त्रोत का कार्य किया।

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