लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हाउस टैक्स डबल होने वाला है।नगर निगम हाउस टैक्स तैयारी में है। वाटर टैक्स भी बढ़ाया जा सकता है। हाउस टैक्स बढ़ने का असर 6 लाख भवन स्वामियों पर पड़ेगा। वाटर टैक्स बढ़ने का असर 4 लाख भवन स्वामियों पर होगा। लखनऊ में 13 साल से हाउस टैक्स की दरें नहीं बदली हैं। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने नगर निगम को ष्आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया के हालात देखते आय बढ़ाने के निर्देश दिए है। नगर निगम की आय में हाउस टैक्स का हिस्सा 70 से 80 फीसदी तक होता है।
सदन में पेश किया जायेगा प्रपोजल
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह के मुताबिक नगर निगम की आमदनी बढ़ाने के लिए हाउस टैक्स या वाटर टैक्स को बढ़ाने का प्रपोजल सदन में पेश किया जाएगा लेकिन टैक्स लेने का जो दायरा है उसे बढ़ाया जाएगा। जो घरों नोटिफाइड नहीं है उनसे वसूली होगी। ज्यादातर लोग हाउस टैक्स से बचते हैं और तमाम देते नहीं हैं। अगले महीने से शुरू हो रहे मानसून को लेकर शहर की जल निकासी व्यवस्था को लेकर नगर निगम ने तैयारी कर ली है। नई मशीनरी का इस्तेमाल होगा, मैन पावर बढाएंगे। पार्षदों को ज्यादा पावर दी जाएगी। जनता से संवाद कर उनकी समस्कायाओ का समाधान किया जाएगा। सुनवाई या कार्रवाई न होने पर हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत की जा सकती है। अधिकारी की लापरवाही मिली तो सख्त एक्शन होगा।
300 करोड़ के कर्ज में नगर निगम
नगर निगम अधिनियम में 2 साल पर दरें पुनरीक्षण का प्रावधान है। अभी 2010 की दरों पर ही हाउस टैक्स वसूला जा रहा है। टैक्स की नई दरों पर आपत्ति सुझाव की प्रक्रिया करीब 5 साल पहले पूरी हो चुकी है लेकिन नगर निगम सदन ने लागू नहीं होने दिया। आय से अधिक खर्च के चलते नगर निगम 300 करोड़ के कर्ज में है। हाउस टैक्स की दर नगर निगम में हाउस टैक्स तय करने के लिए इलाके के हिसाब से दरें निर्धारित हैं। दरें प्रति वर्ग फीट के मुताबिक होती हैं।मकान के क्षेत्रफल को संबंधित इलाके की दर को 12 महीने से गुणा कर देते हैं। इस तरह जो परिणाम आता है वह उस मकान का वार्षिक किराया मूल्यांकन हो जाता है। वार्षिक किराया मूल्यांकन संपत्ति का बनता है, उसका 15 प्रतिशत हाउस टैक्स होता है। टैक्स में बालकनी, किचन, बाथरूम, कॉरिडोर, स्टोर, पोर्टिको के क्षेत्रफल में तय छूट दी जासामने कई वीती है।मकान पुराना है तो उसमें एआरवी में छूट दी जाती है।